ईंट और गमले निर्माण के लिए बाहर से कारीगीर बुलवाए गए थे। कारीगीरों में पथेरों ने राख, सीमेंट और रेत का मिश्रण तैयार किया और उसे सांचे में डालकर हाथों से चिकनी सरफेस की। मिश्रण के सख्त होते ही उसे सूखने रख दिया गया। इस प्रोडेक्ट को सुखाने के बाद इसकी गुणवत्ता की जांच की गई और उसका प्रायोगिक परीक्षण किया गया।
आइएसबीटी में तैयार हुआ प्रोडेक्ट: आईएसबीटी में इस प्रयोग को किया गया था। यहां जगह होने के साथ शासकीय निर्माण सामग्री के साथ राख मिलाई गई थी। मौके पर इंजीनियर सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
पीसीबी को भेजा पत्र
नगर निगम ने कचरे की राख को गंभीरता से लेते हुए उसकी रासायनिक जांच के लिए प्रदूषण विभाग को पत्र भेजा था। इसके साथ ही फ्लाई एेश और बॉटम एेश का सैम्पल भी दिया गया था। ताकि, इसके उपयोग से होने वाली हानि का पता चल सके।
आइएसबीटी में तैयार हुआ प्रोडेक्ट: आईएसबीटी में इस प्रयोग को किया गया था। यहां जगह होने के साथ शासकीय निर्माण सामग्री के साथ राख मिलाई गई थी। मौके पर इंजीनियर सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
पीसीबी को भेजा पत्र
नगर निगम ने कचरे की राख को गंभीरता से लेते हुए उसकी रासायनिक जांच के लिए प्रदूषण विभाग को पत्र भेजा था। इसके साथ ही फ्लाई एेश और बॉटम एेश का सैम्पल भी दिया गया था। ताकि, इसके उपयोग से होने वाली हानि का पता चल सके।
प्लांट में फ्लाई एेश और बॉटम एेश के प्रायोगिक परीक्षण किए गए हैं। कचरे का स्वरूप देखते हुए राख को पीयूसी टेस्टिंग और अनुमति के लिए प्रेषित किया है। इस राख में गड़बड़ी नहीं है, जिसका इस्तेमाल फिलिंग में किया जा सकता है।
कमलेश श्रीवास्तव, प्रभारी, कठौंदा प्लांट
नगर निगम से राख का सेंपल आया था, जिसकी जांच हो गई है। राख का फिलिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है।
श्रीनिवास द्विवेदी, क्षेत्रीय प्रबंधक, पीसीबी
कमलेश श्रीवास्तव, प्रभारी, कठौंदा प्लांट
नगर निगम से राख का सेंपल आया था, जिसकी जांच हो गई है। राख का फिलिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है।
श्रीनिवास द्विवेदी, क्षेत्रीय प्रबंधक, पीसीबी