Textile park : गारमेंट निर्माता भी पक्ष में, नए निवेश के लिए भी तैयार, जमीन का चिन्हांकन
Textile park : सालाना कारोबार 350-400 करोड़ रु.
जबलपुर में टैक्सटाइल्स से जुड़ा बड़ा काम होता है। 30 हजार लोगों को इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। कई बड़ी फर्म हैं जो कि न केवल शहर बल्कि दूसरे प्रदेशों में गारमेंट की सप्लाई कर रही हैं। सबसे ज्यादा योगदान सलवार सूट का रहता है। उसके बाद शर्ट का नंबर है। यदि इस इंडस्ट्री के सालाना कारोबार की बात की जाए तो वह 350 से 400 करोड़ है। यह शहर की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देती है। ऐसे में टैक्सटाइल्स पार्क इस इंडस्ट्री को बड़ा सहयोग प्रदान करेगा।Textile park : आवंटन के साथ मद परिवर्तन जरूरी
जिले में पहले कुदवारी फिर भटौली में टैक्सटाइल्स पार्क की योजना बनी। अब भेड़ाघाट से आगे शहपुरा तहसील के धरमपुरा, बडख़ेरा एवं रामघाट पिपरिया में जिला प्रशासन ने इसके लिए जमीन चिन्हित की है। अच्छी बात यह है कि इस इंडस्ट्री के लिए परिवहन सुविधा सुलभ होगी। क्योंकि जहां यह जगह है, वह जबलपुर-भोपाल राजमार्ग है। इसके पास ही रिंग रोड गुजर रही है। वहीं 10 किमी के भीतर रीवा-नागपुर हाइवे भी लगा हुआ है। पानी के लिए कुछ किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा का किनारा भी है।Textile park : कपड़ा से लेकर बटन तक का उत्पादन
वैसे टैक्सटाइल्स पार्क में कच्चे कपड़ा का उत्पादन होता है। लेकिन जिस प्रकार की योजना भटौली में बनाई गई थी, यदि वैसा ही प्रोजेक्ट चिन्हित की गई जमीन पर लगता है तो इसमें धागा उत्पादन, काज, बटन, कॉलर का कपड़ा, रंगाई और धुलाई के लिए प्लांट, कपड़ों की डिजाइन के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर के अलावा मालगोदाम, ट्रांसपोर्ट एरिया जैसी तमाम प्रकार की सुविधाएं विकसित की जाती हैं। ऐसे में करोड़ों रुपए का निवेश तो होगा ही साथ में हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। Textile park : जबलपुर में टैक्सटाइल्स पार्क की योजना कारगर साबित हो सकती है। जिले में इसके लिए जगह भी चिन्हित की गई है। अब जरुरत है शासन स्तर पर बात करने की। जनप्रनिधियों को भी इस तरफ ध्यान देना होगा।
- प्रेम दुबे, जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री