इस तरह स्वाइन फ्लू के एक साथ 11 मामले सामने आने के बाद स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया है। प्रदेशभर में सतर्कता बरती जा रही है। वहीं, जबलपुर मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। साथ ही शहर के निजी अस्पताल भी इस तरह की सुविधा मरीज और उनके परिजन को दे रहे हैं। हालांकि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय मिश्रा का कहना है कि निजी अस्पतालों की लैब में किए गए परीक्षण शासकीय स्तर पर मान्य नहीं रखते हैं। हालांकि, मरीज या उनके परिजन को स्वाइन फ्लू में ङी कोरोना संक्रमण जैसी सतर्कता बरतना जरूरी है।
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गले में तकलीफ के साथ सांस लेना मुश्किल
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि एच1एन1 वायरस के जरिए होने वाले स्वाइन फ्लू में भी कोरोना जैसे ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है। सर्दी-खांसी के साथ इस बीमारी का मुख्य लक्षण ये है कि गले में तकलीफ के साथ सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। इसमें मरीज को आइसोलेट रहना बेहद जरूरी होता है। यह भी पढ़ें- MP पुलिस का नशे के खिलाफ बड़ा एक्शन : 1 करोड़ से ज्यादा का नशीला पदार्थ पकड़ा, राजस्थान से खास कनेक्शन