जबलपुर। एक चाचा जो अपनी हर बात पर गुदगुदाता तो था ही, शिक्षा भी दे जाता था अच्छे-बुरे की। एक बिल्लू जो अपनी मस्ती से बचपन को जीने की कला सिखा जाता था। पिंकी भी कम न थी, वो बता देती थी कि बच्चियां कैसी होती हैं। हम सभी को अपने बचपन की कुछ खट्टी-मिठी बातें आज भी याद हैं. उस समय कार्टून नेटवर्क तो था नहीं, तब हम अपने पसंदीदा कार्टून और कॉमिक्स के लिए जुगाड़ करते थे। जब बात होती थी शक्तिमान देखने या फिर चाचा चौधरी की काहानियां पढऩे की, तो हम खेलना तक भूल जाते थे। इन कहानियों के सभी पात्र हमें आज भी बखूबी याद हैं। आज भी जब इंटरनेट पर इनके बारे में कुछ मिलता है तो हम उसे देखना ज़रूर पसंद करते हैं। चाचा चौधरी – चाचा चौधरी और साबू की जोड़ी को हम कैसे भुला सकते हैं। इस कहानी के पात्रों को गढऩे वाले प्राण कुमार शर्मा को भी शायद इस बात का अंदाजा नहीं था, कि उनके ये पात्र इतने लोकप्रिय हो जाएंगे कि उन पर एक टीवी शो भी बन जाएगा। पिंकी – पांच साल की पिंकी एक ऐसा कॉमिक करेक्टर था, जिसे हर लड़की पसंद करती थी। उसकी कुट-कुट नाम की पालतू गिलहरी और उसके भीखू व चम्पू दोस्त हमें आज भी याद हैं। कई बार पिंकी के किस्से इतने मज़ेदार होते थे कि लड़कियां उन्हें अपने दोस्तों के बीच चर्चा का विषय बना लेती थीं। बिल्लू – लड़कों को बिल्लू का अंदाज बेहद भाता था। उसके बालों के चलते किसी ने बिल्लू की आखों को नहीं देखा, लेकिन बिल्लू की टोली जो मौज-मस्ती करती थी, उसे पढ़कर लड़के बेहद खुश होते थे। बिल्लू के मज़ेदार करनामों को पढऩे के लिए बच्चे अपनी स्कूल की किताबों में बिल्लू की कॉमिक्स छुपा कर पढ़ा करते थ। जंगल बुक – मोगली एक ऐसा किरदार है, जिसे हर उम्र के लोग जानते हैं। जंगल बुक में कई शानदार कहानियां है जिन्होंने बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें नैतिकता की शिक्षा भी दी है। इसके अलावा श्रीमती जी, बांकेलाल, नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव, डोगा, द्रौपदी, चंपक, पंचतंत्र सहित अन्य कार्टून कैरेक्टर बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक को गुदगुदाते थे।