बड़े प्रोजेक्ट फाइलों में ही कैद शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना तीन साल से दिखाया जा रहा है। शहर को स्मार्ट सिटी घोषित हुए २७ महीने होने वाले हैं, लेकिन न ही कोई बड़ा प्रोजेक्ट धरातल पर उतर पाया है और न ही कोई बड़ा इन्वेस्टर लाने में स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अफसर सफल हो पाए हैं। इससे पीपीपी मोड के डेढ़ हजार करोड़ से ज्यादा के बड़े प्रोजेक्ट फाइलों में ही कैद होकर रह गए हैं।
जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारी बड़े सब्जबाग दिखाने के साथ ही हवाई अंदाज में काम कर रहे हैं। शहर को तो अब तक कोई बड़ी सौगात मिली नहीं, लेकिन अफसरों ने मानस भवन में ५ करोड़ से स्मार्ट सिटी लिमिटेड का दफ्तर, अपने वाहन पार्क करने मल्टीलेवल पार्किंग, ऑडिटोरियम जरूर तैयार कर लिया। दफ्तर में कांच के एसी चेंबरों में बैठकर शहर को स्मार्ट बनाया जा रहा है। इसका परिणाम यह हो रहा कि अब तक न तो
कोई बड़ा इन्वेस्टर मिल पाया है और न ही बड़ा प्रोजेक्ट धरातल पर उतर सका है।