18 हजार फीट की ऊंचाई पर देखी क्षमता
जम्मू एंड कश्मीर राज्य में ऐसे कई दुर्गम इलाके हैं जिनकी ऊंचाई समुद्रतल से 18 हजार फीट और उससे अधिक है। इन जगहों पर भारतीय सेना भी तैनात है। ऐसी जगहों पर ऑक्सीजन का स्तर कम होता है। चूंकि यह इलाका बर्फ से ढंका रहता है तो ऑक्सीजन वैसे ही कम हो जाती है। लेकिन कठिन परििस्थतियों में भी यह वाहन किस प्रकार काम करते हैं, उनकी क्षमताओं को आंका गया। इन क्षेत्रों में दोनों वाहनों को चलाकर देखा गया।
वीएफजे और रसियन टीम थी साथ-साथ
इस रन ट्रायल में न केवल वीकल फैक्ट्री के विशेषज्ञ कर्मचारी थे, वहीं रसियन कंपनी से आए इंजीनियर और कर्मचारी भी साथ-साथ रहे। ज्ञात हो कि रसियन कंपनी रेमडिजल के सैन्य वाहन टायफून को वीएफजे लाया गया है। इस वाहन की तरह नया वाहन यहां तैयार किया जा रहा है। उसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी प्रकार सिक्स बाइ सिक्स एमपीवी बनाया गया है। इन दोनों वाहनों में कौन सी खूबियां सेना को चाहिए, इसके लिए भी सैन्य सुझाव लिए गए।
जम्मू एंड कश्मीर से लौटने पर इन दोनों वाहनों की प्रदर्शनी म्यूनिशंस हाउस में लगाई गई। यहां सेना के साथ बीएसएफ, सीआरपीएम, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के अलावा रक्षा मंत्रालय से जुडे़ विभागों के अधिकारी शामिल हुए। रक्षा कंपनी आर्मर्ड वीकल निगम लिमिटेड के सीएमडी संजय द्विवेदी, वीएफजे के सीजीएम संजीव कुमार भोला, बिजनेस डेवलपमेंट ऑफीसर रामेश्वर मीणा और प्रोडक्ट डेपलपमेंट ऑफिसर विवेक सिंह व अन्य स्टाफ रहा। अधिकारियों ने इन वाहनों की खूबियां बताईं। साथ ही जो सुविधाएं सैन्य बलों कों चाहिए, उसे भी नोट किया गया ताकि उस तरह इनमें बदलाव हो।
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क्या हैं खूबियां
सिक्स बाइ सिक्स
सिक्स बाइ सिक्स एमपीवी साधारण एमपीवी से बिल्कुल अलग है। इसमें छह पहिए हैं। सभी स्टेयरिंग से जुडे़ हैं। वजन अधिक होने के कारण इसमें 260 एचपी का हैवी इंजन लगाया गया है। जमीन में आतंकवादी एवं नक्सलियों की तरफ से बिछाए गए कई किलो बारूद के विस्फोट को सहन करने में सक्षम। बुलेटप्रूफ होने के कारण गोलीबारी का भी कोई असर नहीं होता है। इसमें एक साथ 15 से ज्यादा सैनिक बैठ सकेंगे।
पीएमवीए
रसियन कंपनी का जो वाहन वीएफजे लाया गया है वह प्रोटेक्टेड मोबिलिटी वीकल स्टैंडर्ड (पीएमवीएस) है। इसका नाम टायफून है। भारी होने पर भी एक घंटे में 100 किमी की दूरी तय कर लेता है। यह बुलेटप्रूफ है। टायर के अलावा फ्यूल टैंक में आतंकियों की गोलीबारी का असर इस पर नहीं होता। 10 सैनिक बैठ सकेंगे। फायरिंग पोर्ट से लेकर तमाम सुविधाएं। बड़ी बात यह वाहन चेचिस पर बना है।
सिक्स बाइ सिक्स एमपीवी का प्रोटोटाइप तैयार किया जा चुका है। अब सेना को ऑफर किया जा रहा है। इसी प्रकार रूस से रेमडिजल कंपनी के प्रोडक्ट टायफून ट्रक को लाया गया है। इसकी तरह एक बख्तरबंद वाहन बनाया जाना है। इसकी तैयारियां की जा रही हैं। इससे पहले इन वाहनों की क्षमताओं का आंकलन किया गया। इनका जम्मू एंड कश्मीर राज्य में ट्रायल किया गया है। यह सफल रहे हैं।
रामेश्वर मीणा, जनसंपर्क अधिकारी, वीएफजे