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जबलपुर

शमीम कबाड़ी वर्षों से जमा कर रहा था बारूद, ये अधिकारी अब फसेंगे

शमीम कबाड़ी वर्षों से जमा कर रहा था बारूद, ये अधिकारी अब फसेंगे

जबलपुरMay 16, 2024 / 02:50 pm

Lalit kostha

jabalpur bomb blast

जबलपुर. नेशनल हाइवे से लगे खजरी खिरिया बाइपास पर फरार हिस्ट्रीशीटर शमीम कबाड़ी के कबाडख़ाने में लबे समय से बम की आड़ में बारूद जमा हो रहा था। पुलिस और प्रशासन की टीम ने कबाडख़ाने में कई बार जांच की, लेकिन इन खोलों और बमों को जब्त नहीं किया गया। इससे पुलिस, प्रशासन और आयुध निर्माणी खमरिया के अधिकारियों और कर्मचारियों की शमीम से मिलीभगत की आशंका जाहिर की जा रही है। मामले की जांच कर रही एनआइए की नजर अब ओएफके समेत पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर भी है। इधर पुलिस की पूरी जांच संदेह के दायरे में आ रही है। पुलिस शमीम को पकड़ नहीं पा रही है।
एनआइए की जांच में ओएफके सहित पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी शामिल

यह है मामला

हाइवे से लगे हिस्ट्रीशीटर गुंडे शमीम कबाड़ी के कबाड़खाने में 25 अप्रेल को विस्फोट हुआ था। विस्फोट इतना खतरनाक था कि आठ से दस हजार वर्ग फीट में फैला पूरा कबाडख़ाना ढह गया। विस्फोट की गूंज पांच-छह किलोमीटर के इलाके में सुनाई दी थी। आशंका है कि स्क्रैप में जिंदा बम के फटने से घटना हुई। घटना में दो मजदूर गौर निवासी भोलाराम और आनंद नगर निवासी खलील लापता हो गए थे। हाल ही में मिली डीएनए रिपोर्ट में विस्फोट में खलील की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं भोला की गुमशुदगी दर्ज की गई है। मामले में अधारताल पुलिस ने शमीम, उसके बेटे फहीम और पार्टनर सुल्तान पर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
डेढ़ हजार बम अब भी

कबाडख़ाने की जांच में 125 एमएम के अलावा 30 एमएम के ढाई हजार खोल मिले थे। इनमें से 30 एमएम के एक हजार बमों को सीओडी की टीम अपने साथ ले गई थी, उन्हें निष्क्रिय किया जा रहा है। डेढ़ हजार से अधिक बम अब भी कबाडख़ाने में है। जिन्हें जल्द सीओडी की टीम जब्त कर निष्क्रिय करेगी। कई बम जिंदा हैं। यदि वे खोल होते तो उन्हें सामान्य प्रक्रिया के तहत नष्ट किया जा सकता था।

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