Electricity: बिजली मुख्यालय होने के बाद भी बिजली लाइनों के मेंटेनेंस में जबलपुर फिसड्डी है। लाइनों का ठीक से रखरखाव नहीं होने के कारण बिजली की बार-बार ट्रिपिंग, बिजली गुल, फाल्ट आने जैसी समस्याओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। हाल में बिजली लाइनों के रखरखाव से जुड़ी ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा किए गए मूल्यांकन से यह बात सामने आई है। मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के पैमाने पर बिजली लाइनों के रखरखाव में सतना पहले नंबर पर है। नर्मदापुरम दूसरे और जबलपुर तीसरे नंबर पर है। यहां लाइनों का प्रॉपर मैंटेनेस, नियमित जांच, खराब वायरों में बदलाव कर बिजली ट्रिपिंग और फॉल्ट जैसी समस्याओं पर काफी हद तक निजात पाई है।
Electricity: पिछड़ने की वजह
बिजली लाइनों का मकड़जाल जमीन तक झूलते तार कर्मचारियों की कमी
Electricity: जिले में रोज
400 शिकायत 100 मामले ट्रिपिंग 200 बिजली फॉल्ट
Electricity: जांची दक्षता
ट्रांसमिशन कंपनी ने 42 ट्रांसमिशन लाइन मेंटेनेंस के लिए उपसंभागों में इसका आकलन कराया था। इसमें समय पर मेंटेनेंस, बिजली ट्रिपिंग, कॉल अटैंड की स्थिति, लाइनों के किनारे पेड़ आदि बिंदुओं के आधार पर आकलन किया गया था। जबलपुर में पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी का मुख्यालय है। वरिष्ठ अधिकारियों की फौज है लेकिन इसे नंबर वन नहीं बना सके।
Electricity: राजस्व वसूली पर फोकस
जबलपुर में लाइनों का प्रॉपर मैंटेनेस नहीं होने के कारण ट्रिपिंग की समस्याएं बढ़ रही हैं। ठेका कर्मचारियों के भरोसे काम चल रहा है। आवश्यक तकनीकी उपकरण इनके पास नहीं है। शहर में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 3.5 लाख हैं। जानकारों का कहना है कि बिजली कंपनी के अफसर राजस्व वसूली में ज्यादा ध्यान लगा रहे हैं।
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