स्वच्छता मॉनीटरिंग को हाईटेक कर जमीनी खामियां करनी होंगी दूर
इनमें सुधार जरूरी
खाली प्लाट अभी भी बने हुए हैं कचराघर
निर्माण साइट से निकले मलबा की शहर के सार्वजनिक स्थलों पर डम्पिंग
जिन स्थानों को कचरा मुक्त किया फिर से वहां डम्पिंग शुरू
धूल मुक्त नहीं हो पा रहा है शहर, निर्माण साइट में पानी का नियमित छिड़काव नहीं
कचरा, सिल्ट से बजबजा रहे ज्यादातर नाले-नाले
शहर के बीचोंबीच सीवर टैंक बने हैं कई तालाब
उजड़े नजर आ रहे हैं कई उद्यान
स्वच्छता में शहर संवारने के लिए किए ये खर्च
वर्ष (2019-20 व 2021-2022)
● 3.37 करोड़ से 4 स्वीपिंग मशीन खरीदी
● 3.68 करोड़ से हाई प्रेशर जेटिंग कम सक्शन मशीन खरीदी
● 02 करोड से 11 मिनी जेट वाटर स्प्रेयिंग मशीन खरीदी
● 9.15 करोड़ से 15 गार्बेज कॉम्पेक्टर मशीन खरीदी
● 36.05 करोड़ सड़क, फुटपाथ, नाली निर्माण पर खर्च
● 0.98 लाख से कठौंदा में एनिमल एलपीजी इन्सिनेरटर प्लांट स्थापित
टूल किट के अनुसार नहीं हो रहे ये काम
वर्ष 2022-23 में खर्च
● 0.3 करोड़ एमिशन इन्वेंटरी स्टडी कार्य
● 01 करोड़ सड़कों पर फुटपाथ निमाज़्ण
● 02 करोड़ नियमित कचरा एकत्रित करने व निपटारे पर खचज़्
● 02 करोड़ सड़कों की सफई व सिल्ट हटाने पर खर्च
● 1.20 करोड़ चौराहों के विकास व सौंदयीज़्करण फव्वारा लगाने पर खचज़्
● 0.2 करोड़ जागरूकता पर खर्च
स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बार नगर की परफॉरमेंस पहले से बेहतर हुई है, लेकिन अभी भी जो कमियां हैं उन्हें दूर करेंगे। इंदौर, सूरत, भोपाल समेत जो भी शहर स्वच्छता में बेहतर कार्य कर रहे हैं। उनके भी नवाचारों का अनुकरण करेंगे। जिससे की जबलपुर को स्वच्छता में अव्वल बनाया जा सके।
– भूपेंद्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम