फैक्ट्री में 84 एमएम बम के नए वेरियंट 751 का उत्पादन किया जा रहा है। इसके स्मोक बम का उत्पादन तो पहले किया गया था, लेकिन एचईडीपी बम का उत्पादन प्रोपलेंट और कार्टेज केस के कारण रुका हुआ था। लेकिन, जैसे ही इसकी सप्लाई हुई, उत्पादन तेज हो गया है। इसका फायदा कर्मचारियों को पीस वर्क से लेकर ओवर टाइम के रूप में हो सकता है। इसी प्रकार कुछ सेक्शन जहां उत्पादन कम हो रहा था, उनके लिए भी इस विध्वंसकारी बम के उत्पादन से काम मिलेगा।
सूत्रों ने बताया कि इस बम के उत्पादन में मुख्य बाधा प्रोपलेंट और कुछ विशेष प्रकार के कार्टेज केस की थी, वह अब दूर हो गई है। ऐसे में उत्पादन तेज हो गया है। इस बम के जरिए आधुनिक टैंक को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है।
प्रूफ के लिए निकला लॉट
इधर, स्वीडन के सहयोग से बन रहे 84 एमएम बम का एक लॉट हाल में तैयार किया गया। उसे भी प्रूफ के लिए भेजा गया है। हालांकि इसका प्रोडक्शन भी फैक्ट्री में लंबे समय से चल रहा है। गौरतलब है कि म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड के अंतर्गत ओएफके को चालू वित्तीय वर्ष में बड़ा उत्पादन लक्ष्य मिला है। इसलिए प्रत्येक प्रोडक्ट को समय पर उत्पादित करने की चुनौती ओएफके प्रबंधन के सामने है।
नियमित उत्पादन हो रहा
फैक्ट्री में 84 एमएम बम के अलग-अलग वेरियंट का नियमित रूप से उत्पादन चल रहा है। पिछले वर्ष भी इसे तैयार किया गया था। तमाम प्रकार के उत्पादों के लिए रॉ मटैरियल की नियमित सप्लाई हो सके, इस पर भी ध्यान दिया जाता है।
– दिनेश कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, ओएफके