कार्तिक, माघ जैसे पवित्र महीनों के दौरान दोनों ही तटों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। सुबह से रात तक मेला जैसा नजारा रहता है। इसके साथ ही सावन महीने में बड़ी संया में कांवड़ यात्रा निकलती है। नर्मदा जन्मोत्सव, मकर सक्रांति विशेष पर्वों के अवसर पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इसे देखते हुए नर्मदा घाटों का विस्तार भी किया जाएगा। जिससे की श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाया जा सके। गौरीघाट, तिलवाराघाट तटों पर होने वाली संध्याकालीन महाआरती अलग पहचान बनती जा रही है।इसे देखते हुए तटों में भरपूर लाइटिंग की भी व्यवस्था की जाएगी।
8 करोड़ से पहले भी हुए थे ये काम एक दशक पहले 8 करोड़ की लागत से गौरीघाट व तिलवाराघाट में तटों के सौंदर्यीकरण का काम हुआ था। गौरीघाट में सिद्धघाट व उमाघाट क्षेत्र पहले से विकसित है, अब नाव घाट, श्रीबाबाश्री घाट की ओर तट का विस्तार किया जाएगा। वहीं तिलवाराघाट में छोटे पुल से लेकर नए पुल तक घाट विकसित है। इसके आगे के तट को व्यविस्थत किया जाएगा।
गौरीघाट व तिलवाराघाट के विकास, सौंदर्यीकरण के साथ ही नर्मदा रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर तैयार करने बजट में राशि का प्रावधान किया गया है। जल्दी ही इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा।
शिवेंद्र सिंह, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग