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जबलपुर

नर्मदा जन्मोत्सव पर केवल दर्शन मात्र से पापों से मिलेगी मुक्ति, करें इस मुहूर्त में पूजन: पंचांग

नर्मदा जन्मोत्सव पर केवल दर्शन मात्र से पापों से मिलेगी मुक्ति, करें इस मुहूर्त में पूजन: पंचांग

जबलपुरFeb 01, 2020 / 09:58 am

Lalit kostha

Mother Narmada Darshan Dwaro should be constructed, Congress councilor will do silent fast

जबलपुर। शुभ विक्रम संवत् : 2076, संवत्सर का नाम : परिधावी, शाके संवत् : 1941, हिजरी संवत् : 1441 , मु.मास : जमादि उल , उस्सानी 06, अयन : उत्तरायण,
ऋतु : शिशिर ऋतुु , मास : माघ, पक्ष : शुक्ल पक्ष
तिथि – सूर्योदय से सायं: 06.10 मि. तक भद्रा संज्ञक सप्तमी तिथि रहेगी
पश्चात जया संज्ञक अष्टमी तिथि लगेगी। सप्तमी तिथि को चित्रभानु नामवाले भगवान सूर्यनारायण का पूजन करना चाहिए, ये सबके स्वामी एवं रक्षक हैं। अष्टमी तिथि को वृषभ से सुशोभित भगवान सदाशिव की पूजा करनी चाहिए, वे प्रचुर ज्ञान तथा कांति प्रदान करते हैं। भगवान शंकर बंधनमुक्त करने वाले हैं।
योग- सूर्योदय से अर्धरात्रि 06.29 मि. तक शुभ योग रहेगा पश्चात शुक्ल योग लगेगा। शुभ योग के स्वामी लक्ष्मीदेवी मानी जाती है जबकि शुक्ल योग के स्वामी पार्वतीमाता मानी गई हैं।
विशिष्ट योग- दोनों ही योग को बेहद शुभ माना जाता है। प्रत्येक कार्य की शुरुआत के लिए शुभ योग उपर्युक्त रहता है। शुक्ल योग में किसी भी कठिन कार्य की शुरुआत अच्छी मानी जाती है।
करण- सूर्योदय से सायं: 06.10 मि. तक वणिज नामक करण रहेगा पश्चात विष्टि नामक करण लगेगा। इसके पश्चात बव नामक करण लगेगा।
नक्षत्र- सूर्योदय से रात्रि 08.52 मि. तक क्षिप्र लघु अश्विनी नक्षत्र रहेगा पश्चात उग्र क्रूर भरणी नक्षत्र लगेगा। वर-वधू की दिखाई रस्म, सगाई, विवाह आदि के लिए अश्विनी नक्षत्र शुभ माने गए हैं। मशीनरी लगाने, रोजगार, व्यावसायिक विज्ञापनों के लिए अश्विनी नक्षत्र अच्छे माने गए हैं। अन्य कार्य सभी प्रकार के मंगल कार्यों के लिए भरणी नक्षत्र निषिद्ध माने गए हैं।

आज के मुहूर्त – अनुकूल समय में श्रीनर्मदा जयंती पर्व पर मां नर्मदा का पूजन अर्चन करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
चौघडिय़ा के अनुसार समय – प्रात: 08.30 मि. से 09.52 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा एवं दोप. 12.37 मि. से 04.45 मि. तक क्रमश: चंचल लाभ व अमृत के चौघडिय़ा रहेंगे।
व्रत/पर्व – श्रीनर्मदा जयंती। रथ सप्तमी। संतान सप्तमी। अचला सप्तमी। आरोग्य सप्तमी। मन्वादि सप्तमी। विधान सप्तमी। चन्द्रभागा सप्तमी (उड़ीसा)। अरुणोदय स्नान। श्रीदेवनारायण जयंती (गुर्जर 1918वां)। मर्यादा महोत्सव (जैन)। नागणेचा देवी की पूजा (मेवाड़ राज.)।
चंद्रमा – सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक चंद्रमा अग्नि तत्व की मेष राशि में रहेंगे। भद्रा – सायं: 06.10 मि. से प्रारंभ भद्रा का निवास स्वर्ग में रहेगा। दिशाशूल- पूर्व दिशा में। (आज के दिन पूर्व दिशा में यात्रा को टालना चाहिए)। राहु काल – प्रात: 09.52.40 से 11.15.13 तक राहु काल वेला रहेगी। इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
आज जन्म लिए बच्चे- आज जन्म लिए बच्चों के नाम (चे, चो, ला, ली, लू) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज जन्मे बच्चों का जन्म सोने के पाए में होगा। सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक मेष राशि रहेगी। आज रात्रि 08.52 मि. तक जन्म लिए बच्चे की मूलशांति अवश्य कराएं। ऐसे जातक शरीर से मध्यम होंगे। प्राय: इनका भाग्योदय करीब 17 वर्ष की आयु में होगा। इनकी संकल्पशक्ति मजबूत रहेगी। व्यवहारकुशल व धनसम्पदाशी होंगे। कला विज्ञान के जानकार होंगे। मेष राशि में जन्मे जातक को अति उच्चाभिलाषी होने से बचना चाहिए। सिद्धांतशीलता को नहीं छोडऩा चाहिए।

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