जस्टिस कैत दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज रहे हैं और 17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने उनके नाम की अनुशंसा की थी। हुई थी सराहना जस्टिस कैत अपने कॅरियर में कई अहम फैसलों के भागीदार रहे।
इनमें सबसे महत्वपूर्ण नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और उसको लेकर हुए विरोध प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई की। वहीं, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के मामले में सुनवाई करते हुए दिए गए फैसले के दृष्टिकोण की सराहना की गई।
मई से खाली है पद
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पद 24 मई से खाली है। जस्टिस रवि मलिमठ के अवकाश ग्रहण करने के बाद पहले जस्टिस शील नागू को और फिर जस्टिस संजीव सचदेवा को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। अब जस्टिस कैत को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। हालांकि जुलाई में कॉलेजियम ने जस्टिस जीएस संधूवालिया को मुख्य न्यायाधीश बनाने की अनुशंसा की थी। इसे संशोधित किया गया है। ये भी पढ़ें: MP High Court: दिल्ली के जस्टिस सुरेश कुमार कैत MP के नए चीफ जस्टिस