जेब में पैसा तो जमीन पर पैर नहीं पुलिस के अनुसार आरती रजक (35) का विवाह 2013 में शहपुरा निवासी कमलेश रजक के साथ हुआ था। उसका मायका गोहलपुर में था, तीन दिन पहले से गंभीर हालत में मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सूचना पर उसके भर्ती होने के समय ही मायके वाले आ गए थे। शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। जिसके लिए पति कमलेश को जिमेदार ठहराया है। आरती के जीजा गणेश रजक ने बताया कि उसे कमरे में बंद करके रखा गया था। किसी तरह से बाहर निकली और मामा के घर जाकर पूरी कहानी बताई। शहपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद उसे 23 जुलाई को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गढ़ा पुलिस ने मर्ग कायम कर बयान दर्ज किए हैं, डायरी आगे की कार्रवाई और जांच के लिए शहपुरा थाना भेजी जाएगी।
बच्चों की मौत पर संदेह आरती की मौत के बाद अब दो बच्चों की मौत भी संदेह के घेरे में आ गई है। उसके दो बच्चों में 6 साल की लडक़ी और 2 साल की लडक़ी की मौत 2019 में हो गई थी। उसके मायके वाले इसके लिए भी पति कमलेश को जिमेदार ठहरा रहे हैं। इसकी भी जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि पति ने आरती पर दबाव बनाकर चुप करा दिया था। यहां तक कि मायके वालों को भी धमकी दी थी। पुलिस बयान में सामने आया कि आरती की दूसरी पत्नी के रूप में कमलेश से शादी हुई थी। पहली पत्नी की मौत हो गई थी। पहली पत्नी की मौत पर भी संदेह जताते हुए जांच की मांग की जा रही है।
जेब में पैसा तो जमीन पर पैर नहीं आरती के पर्स से मिले नोट में पति और परिवार से जुड़ी परेशानी के बारे में भी लिखा गया है। हमें भूख लगी, प्यास लगी और गर्मी भी लगी पर पति यहां-वहां घूमता रहा। जेब में पैसे तो जमीन पर पैर नहीं पड़ते। पैसा खत्म तो घर से बाहर निकलने की हिमत नहीं। आज फिर 10 हजार रुपए मिल गए तो पूरा रवैया, गायब कुछ भी पता नहीं कहा गए। दूसरे नोट में लिखा अब पानी सर से ऊपर गुजर गया। चोरी का आरोप भी लगने लगा। अपना दर्द बयां करते हुए लिखा अब जीने की कोई वजह नहीं रह गई।
महिला ने पति के खिलाफ शिकायत की थी। मौत की जानकारी गढ़ा थाने से मिली है, मायके वालों के बयान लिए जाएंगे। इसके बाद कार्रवाई होगी। जितेन्द्र पाटकर, थाना प्रभारी, शहपुरा