लोगों से बातचीत का अंश
अरे, भाई ये लग्घी कैसे तैयार करते हो?
आप कौन।
हमें अपने खेत में बनाना है जुगाड़?
कोई बिजली वाले को पकड़ लो, वो तैयार कर देगा।
तुम तो बता सकते हो?
कुछ नहीं, तीन-चार सौ रुपए में बन जाता है जुगाड़।
इसमें खतरा नहीं है?
बिजली तार छुओगे तो करंट लगेगा ही।
लेकिन यह तो मेन लाइन से फंसाया है?
तो क्या हो गया, हम तो कितने सालों से एेसे ही चला रहे हैं।
तो कोई पकड़ता नहीं है?
अरे, बिजली वाले आते हैं तो क्या…ज्यादा से ज्यादा तार जब्त करके ले जाते हैं। घर में तो ताला लगा रहता है।
अरे, भाई ये लग्घी कैसे तैयार करते हो?
आप कौन।
हमें अपने खेत में बनाना है जुगाड़?
कोई बिजली वाले को पकड़ लो, वो तैयार कर देगा।
तुम तो बता सकते हो?
कुछ नहीं, तीन-चार सौ रुपए में बन जाता है जुगाड़।
इसमें खतरा नहीं है?
बिजली तार छुओगे तो करंट लगेगा ही।
लेकिन यह तो मेन लाइन से फंसाया है?
तो क्या हो गया, हम तो कितने सालों से एेसे ही चला रहे हैं।
तो कोई पकड़ता नहीं है?
अरे, बिजली वाले आते हैं तो क्या…ज्यादा से ज्यादा तार जब्त करके ले जाते हैं। घर में तो ताला लगा रहता है।
शासन तो सस्ती बिजली दे रही है। इसके बाद भी लग्घी फंसाया जाना आश्चर्यजनक है। इस मामले में टीम भेजकर जांच करवाई जाएगी। बिजली चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
आईके त्रिपाठी, एसई (सिटी)
आईके त्रिपाठी, एसई (सिटी)