एक सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों का रेस्क्यू कर गांव से निकाला
मझगवां के हरदी कुकरा गांव की घटना सुबह से भर रहा था पानी, दोपहर में अचानक बढ़ा हरदी कुकरा गांव से गुजरने वाली भरदा नदी का पानी सुबह से बढ़ रहा था। लेकिन दोपहर बाद पानी तेजी से बढ़ा। यह देख कुछ ग्रामीण तो गांव से निकल गए, लेकिन अधिकतर गांव में ही फंस गए। दोपहर 12 बजे तक पूरा गांव टापू में तब्दील हो गया। जानकारी लगते ही पुलिस और प्रशासन का अमला वहां पहुंचा।
मझगवां के हरदी कुकरा गांव की घटना सुबह से भर रहा था पानी, दोपहर में अचानक बढ़ा हरदी कुकरा गांव से गुजरने वाली भरदा नदी का पानी सुबह से बढ़ रहा था। लेकिन दोपहर बाद पानी तेजी से बढ़ा। यह देख कुछ ग्रामीण तो गांव से निकल गए, लेकिन अधिकतर गांव में ही फंस गए। दोपहर 12 बजे तक पूरा गांव टापू में तब्दील हो गया। जानकारी लगते ही पुलिस और प्रशासन का अमला वहां पहुंचा।
गांव के आखिरी छोर पर थे तीनों इधर गांव के आखिरी छोर पर संतू, देवीदीन और आनंद किसी काम से गए थे। पानी बढ़ने के कारण जान बचाने के लिए तीनों एक पेड पर चढ़ गए और मदद का इंतजार करने लगे। इधर पुलिस टीम एसडीआरएफ की मदद से गांव में फंसे लगभग एक सैकड़ा लोगों को गांव से मोटर बोट के सहारे निकाला और पास के ही दूसरे गांव कें सामुदायिक भवन में रूकवाया।
तो पता चला, तीन है गायब इस दौरान संतू, देवीदीन और आनंद नजर नहीं आए, तो तीनों के परिजनों ने उन्हें तलाशना शुरू किया। तो पता चला कि तीनों बाढ़ आने के बाद से लापता है। पूरे गांव में हडकंप मच गया। इस दौरान उनका फोन लगाया गया, तो वह चालू मिला। तीनों ने बताया कि वे एक पेड़ पर फंसे है। तीनों ने अपनी लोकेशन बताई, लेकिन बाढ़ के पानी के कारण एसडीआरएफ की टीम को कुछ समझ नहीं आ रहा था।
दो घंटे चली तलाश, फिर मिले एसडीआरएफ की टीम पानी में उतरी। बहाव काफी तेज था। इसके बावजूद टीम ने तीनों को तलाशने का काम शुरू किया। अंधेरा हो चुका था, इसलिए परेशानी और बढ़ गई। टीम ने लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद तीनों को तलाश लिया। जिसके बाद उन्हें पेड़ से उतरा गया और सामुदायिक भवन ले जाया गया।
कुछ ने नहीं छोड़ा घर
इधर बाढ़ का पानी लगातार बढ़ने के बावजूद कुछ ग्रामीणों ने गांव नही छोड़ा। वे गांव के पक्के मकानों में चले गए और वहां रूक गए। पुलिस और प्रशासन की टीम ने उन्हें राहत शिविर चलने के लिए कहा, लेकिन किसी ने बात नहीं मानी। उनका दावा था कि पानी जल्द उतर जाएगा।
संतू, देवीदीन और आनंद पानी बढ़ने के कारण दोपहर लगभग 12 बजे पेड़ पर चढ गए थे। उन्हें लगा कि पानी कम होने पर वे उतर आएंगें, लेकिन पानी कम नहीं हुआ। देर शाम तीनों के पेड़ में फंसे होने की जानकारी लगी। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम उनके पास पहुंची, जिसके बाद तीनो को सकुशल बाहर लाया गया। गांव के लगभग एक सैकड़ा लोगों को सामुदायिक भवन में रूकवाया गया है।