कल सेवानिवृत्त होंगे चीफ जस्टिस मलिमठ उन्होंने जबलपुर से एलएलबी की। 1987 में हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। ग्वालियर खंडपीठ में महज तीन दिन में ही 36 फैसले देकर कीर्तिमान बनाया। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजय वर्मा ने बताया, जस्टिस नागू त्वरित और शांत स्वभाव से कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी का कहना है कि जस्टिस नागू में जज की वास्तविक छवि दिखती है। केसों की सुनवाई के दौरान कभी नाराज नहीं हुए हैं। अपने दस साल के कार्यकाल में ऐतिहासिक फैसले दिए।
10 साल रहे ग्वालियर में, फैसलों में मिसाल
● ग्वालियर खंडपीठ में 10 साल रहे जस्टिस नागू ने सामाजिक सरोकार के काम भी किए। व्यापमं कांड में जमानत में ऐसी शर्त रखी कि आरोपियों ने मानसिक आरोग्यशाला, सरकारी अस्पतालों में एसी तो सरकारी स्कूलों में पंखे लगाए। निराश्रितों की संस्थाओं को खाद्य सामग्री, कपड़े मिले।
● ग्वालियर खंडपीठ में 10 साल रहे जस्टिस नागू ने सामाजिक सरोकार के काम भी किए। व्यापमं कांड में जमानत में ऐसी शर्त रखी कि आरोपियों ने मानसिक आरोग्यशाला, सरकारी अस्पतालों में एसी तो सरकारी स्कूलों में पंखे लगाए। निराश्रितों की संस्थाओं को खाद्य सामग्री, कपड़े मिले।
● आरोपियों को 100-100 पेड़ लगाने और साल भर सुरक्षित रखने की शर्त पर जमानत दी। एक आरोपी को अस्पताल में टीवी लगाने का आदेश दिया। कहा, टीवी चाइन मेड न हो।