अस्पताल में भर्ती कराया
ट्रेन में पत्थरबाजी की सूचना जैसे ही मिली कटनी स्टेशन पर रेल अधिकारी पहुंच गए। ट्रेन के पहुंचने की सूचना पाकर पहले से डॉक्टरों की टीम मौके पर मौजूद थी। जैसे ही ट्रेन पहुंची घायल यात्रियों का उपचार शुरू कर दिया गया। जीआरपी टीआई जयंत मरस्कोल्हे व आरपीएफ अफसरों ने पीडि़तों से मामले की जानकारी ली। एक यात्री को गंभीर चोटें आने के कारण जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
भाई ने मफलर बांधकर रोका खून
जीआरपी के अनुसार गाड़ी संख्या 12322 मुंबई-हावड़ा मेल के जनरल कोच में मुंबई से डेहरी ऑन सोन के लिए डब्लू कुशवाहा उम्र 18 वर्ष सफर कर रहे थे। जबलपुर आउटर पर पत्थर आकर डब्लू के आंख के ऊपर लगा, जिससे उसकी आंख बाल-बाल बीच और आंख के आसपास कट गया। लहूलुहान डब्लू को उसके भाई ने संभाला और टे्रन में ही मफलर बांधकर उसका खून रोका।
एग्जाम देने मथुरा जा रहा था
गाड़ी संख्या 22181 जबलपुर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस में जबलपुर निवासी मनीष उम्र 26 साल स्लीपर कोच एस-2 में सफर कर रहे थे। मनीष से सिर पर आकर पत्थर लगा, जिससे उसके सिर से खून बहने लगा। इसी दौरान दूसरी बर्थ पर बैठे यात्री मनोज ने किसी तरह कपड़ा बांधकर उसका खून बहने से रोका। मनोज से इलाज के दौरान डॉक्टरों को बताया कि उसका मथुरा में एक्जाम है, इसलिए वह आगे सफर करना चाहता है, जिसपर डॉक्टरों ने उसे दवाइयां भी दी।
अस्पताल में लगे टांके, किया भर्ती
गंभीर रूप से घायल डब्लू कुशवाहा को जीआरपी पुलिस ने जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया। यहां डॉक्टरों के आंख के समीप टांके लगाकर उसे भर्ती किया। जीआरपी टीआई जयंत मरस्कोल्हे ने बताया कि अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर घटनास्थल जबलपुर होने के कारण केस डायरी जबलपुर जांच के लिए भेजी जाएगी।
बच्चों की बता रहे करतूत
ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने पत्थर के दौरान ट्रैक किनारे कुछ बच्चों के खड़े होने की बात बताई, इधर ट्रेन में मौजूद पेट्रोलिंग स्टॉफ ने भी यही कहा। आरपीएफ अफसरों का कहना है रेलवे जबलपुर से आधारताल के बीच स्थित पुल के समीप पहले भी ट्रेनों में पत्थरबाजी की घटनाएं हुई हैं। पूर्व में यह सामने आया था कि कुछ शरारती बच्चों द्वारा यह किया जाता है।