जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे के अंतर्गत जबलपुर से प्रारम्भ होने वाली तीन स्पेशल ट्रेनों को रेल प्रशासन ने एलएचबी कोचों के साथ शुरू करने का निर्णय लिया है। मंगलवार से शुरू हो रही इस व्यवस्था से सफर अधिक सुरक्षित हो सकेगा। रेलवे बोर्ड द्वारा पश्चिम मध्य रेलवे जोन को नए कोच आवंटित किए गए थे। कुछ ट्रेनों में इन कोचों को लगाया गया था। इन तीन ट्रेनों में जबलपुर-पुणे, जबलपुर-अटारी व जबलपुर बांद्रा टर्मिनस स्पेशल टेनें शामिल हैं।
इसी माह होगी खास पहल
बताया जाता है गाड़ी संख्या 01707 जबलपुर-अटारी स्पेशल ट्रेन 21 अगस्त से इन कोचों के साथ चलेगी। जबकि, गाड़ी संख्या 01708 अटारी-जबलपुर स्पेशल ट्रेन 22 अगस्त से नये कोचों से चलेगी। गाड़ी संख्या 01706 जबलपुर-बांद्रा टर्मिनस स्पेशल 23 अगस्त से वापसी में गाड़ी संख्या 01705 बांद्रा टर्मिनस 25 अगस्त से तथा गाड़ी संख्या 01656 जबलपुर-पुणे 26 अगस्त तथा गाड़ी संख्या 01655 पुणे-जबलपुर स्पेशल ट्रेन 28 अगस्त से एलएचबी कोच से शुरू होगी।
इसी माह होगी खास पहल
बताया जाता है गाड़ी संख्या 01707 जबलपुर-अटारी स्पेशल ट्रेन 21 अगस्त से इन कोचों के साथ चलेगी। जबकि, गाड़ी संख्या 01708 अटारी-जबलपुर स्पेशल ट्रेन 22 अगस्त से नये कोचों से चलेगी। गाड़ी संख्या 01706 जबलपुर-बांद्रा टर्मिनस स्पेशल 23 अगस्त से वापसी में गाड़ी संख्या 01705 बांद्रा टर्मिनस 25 अगस्त से तथा गाड़ी संख्या 01656 जबलपुर-पुणे 26 अगस्त तथा गाड़ी संख्या 01655 पुणे-जबलपुर स्पेशल ट्रेन 28 अगस्त से एलएचबी कोच से शुरू होगी।
क्या है एलएचबी कोच
आरडीएसओ द्वारा डिजाइन किए इन कोचों में बेहद कम आवाज, स्टेनलेस स्टील की बॉडी, इंटीरियर एल्युमीनियम से तैयार होती है। ये आपस में टकराते नहीं हैं। इसमें लगे शॉक आब्जर्वर से झटकों का असर कम होता है। इसी कारण इन्हें लिंक हॉफमेन बुश (एलएचबी) कोच नाम दिया गया है। इन कोचों में बैठे यात्रियों को यात्रा के दौरान राहत महससू होगी। उन्हें झटके भी नहीं लगेंगे। अभी तक ट्रेनों के कोचों में बैठने वाले यात्रियों को गाड़ी की रफ्तार तेज होने पर झटके लगते रहते हैं। इससे यात्री राहत महसूस नहीं करते हैं।
आरडीएसओ द्वारा डिजाइन किए इन कोचों में बेहद कम आवाज, स्टेनलेस स्टील की बॉडी, इंटीरियर एल्युमीनियम से तैयार होती है। ये आपस में टकराते नहीं हैं। इसमें लगे शॉक आब्जर्वर से झटकों का असर कम होता है। इसी कारण इन्हें लिंक हॉफमेन बुश (एलएचबी) कोच नाम दिया गया है। इन कोचों में बैठे यात्रियों को यात्रा के दौरान राहत महससू होगी। उन्हें झटके भी नहीं लगेंगे। अभी तक ट्रेनों के कोचों में बैठने वाले यात्रियों को गाड़ी की रफ्तार तेज होने पर झटके लगते रहते हैं। इससे यात्री राहत महसूस नहीं करते हैं।
नहीं चढ़ते एक के ऊपर एक
इन कोचों की खासियत है कि यह पूर्व कोचों की तुलना में हल्के होते हैं। अगर टे्रन डिरेल भी होती है तो कपलिंग न टूटने के कारण यह एक दूसरे पर चढ़ते नहीं हैं। साथ ही यह कंट्रोल डिस्चार्ज टायलेट सिस्टम से युक्त होने के कारण खड़ी ट्रेन में गंदगी की गुजाइंश नहीं रहती है।
इन कोचों की खासियत है कि यह पूर्व कोचों की तुलना में हल्के होते हैं। अगर टे्रन डिरेल भी होती है तो कपलिंग न टूटने के कारण यह एक दूसरे पर चढ़ते नहीं हैं। साथ ही यह कंट्रोल डिस्चार्ज टायलेट सिस्टम से युक्त होने के कारण खड़ी ट्रेन में गंदगी की गुजाइंश नहीं रहती है।