जबलपुर शहर के एक थाने में युवक के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। जिससे व्यथित होकर उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मामले को झूठा बताया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसकी महिला से फेसबुक के माध्यम से दोस्ती हुई थी। बाद में उसे पता चला कि महिला ने हनी टै्रप में उसे फंसाकर एफआइआर दर्ज करा दिया। जस्टिस विशाल धगट की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए शिकायत दर्ज कराने वाली महिला को भी तलब किया पर वह हाजिर नहीं हुई तो पीठ ने अनुपस्थिति में सुनवाई की।
तीन पर करा चुकी थी एफआइआर
सुनवाई में पता चला कि याचिकाकर्ता युवक की तरह महिला ने सोशल साइट के जरिए दोस्ती कर तीन लोगों पर एफआइआर दर्ज करा चुकी थी। इनमें से एक उसी युवक से शादी कर ली थी, जिसपर रेप का मामला दर्ज कराया था। कोर्ट ने पाया कि महिला कानून का दुरुपयोग कर लोगों को हनी टै्रप में फंसाकर उनपर गंभीर आरोप लगा रही है। एकलपीठ ने कहा कि पुलिस थानों के साथ ही लोक अभियोजकों सहित इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में ऐसी महिला की जानकारी साझा करें ताकि सभी को उसके बारे में जानकारी मिल सके और झठी एफआइआर होने से रोका जा सके।