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जबलपुर

शहर के अस्पतालों में बढ़ी हृदय रोगियों की संख्या, मरीज कर रहे को अपनी बारी का इंतजार

शहर के अस्पतालों में बढ़ी हृदय रोगियों की संख्या, मरीज कर रहे को अपनी बारी का इंतजार

जबलपुरJan 05, 2024 / 12:30 pm

Lalit kostha

heart patients

जबलपुर. ठंड दिल के रोगियों को दर्द दे रही है। शहर के अस्पतालों आने वाले हृदय रोगियों की संख्या बढ़ गई है। मेडिकल के सुपरस्पेश्यिलिटी अस्पताल में कॉर्डियक वेस्कुलर सर्जरी और कॉडियोलॉजी दोनों ही विभाग में मरीजों का जबर्दस्त दबाव है। हार्ट में ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से लेकर अन्य मरीजों के इलाज में एंजियोप्लास्टी और बायपास सर्जरी के बाद कई मरीजों को लंबे समय तक भर्ती भी रखना पड़ता है, ऐसे में अन्य मरीजों को अपनी बारी आने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

 

कॉडियोलॉजी विभाग
23 सामान्य बेड
10 आईसीयू बेड
03 कॉर्डियोलॉजिस्ट
01 पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजिस्ट
200 से ज्यादा मरीज आते हैं ओपीडी में
10-12 एडमिशन होते हैं सामान्य दिनों में
20-25 एडमिशन हो रहे हैं रोज

 

मरीजों का दबाव

अस्पतालों में मरीजों के दबाव का आंकलन इतने से ही किया जा सकता है कि सालभर में यहां 500 से ज्यादा हृदय रोगियों की सर्जरी की जा चुकी है। उस अनुपात में बेड, विशेषज्ञों की भी कमी है। ऐसे में कॉर्डियक वेस्कुलर सर्जरी और कॉडियोलॉजी दोनों विभाग के विस्तार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

 

2 ही कॉर्डियक एनेस्थिस्ट

कॉर्डियक वेस्कुलर सर्जरी और कॉडियोलॉजी दोनों ही विभाग में स्पेशलिस्ट कॉर्डियक एनेस्थिस्ट की आवश्यकता होती है। सुपरस्पेश्यिलिटी अस्पताल में 2 ही कॉर्डियक एनेस्थिस्ट हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इनकी संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। इसी तरह से विभाग में मरीजों के अनुपात में कॉर्डियक इंटरवेंशनल सर्जन से लेकर कॉर्डियोलॉजिस्ट की भी कमी है। मरीजों का दबावहृदय से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में 20 के लगभग जिलों के मरीज पहुंच रहे हैं। इसका बड़ा कारण हृदय रोग में सुपरस्पेशलिटी स्तर पर इलाज क्षेत्र के अन्य सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होना है।

 

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