जबलपुर

हनुमान जयंती 31 मार्च 2018- शुभ मुहूर्त पूजा विधि और सिद्ध मंत्र

हनुमान जयंती 2018 कब है और पूजा शुभ मुहूर्त क्या है

जबलपुरMar 26, 2018 / 01:35 pm

Lalit kostha

हनुमान जयंती 31 मार्च 2018- शुभ मुहूर्त पूजा विधि और सिद्ध मंत्र

जबलपुर। हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। हनुमान देवता को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में माना जाता है। हनुमान जयंती चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य सत्येंद्र स्वरुप शास्त्री बताएंगे कि हनुमान जयंती 2018 कब है और पूजा शुभ मुहूर्त क्या है।

भगवान हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार और रामजी के परम भक्त हैं। हनुमानजी का जन्मदिन साल में दो बार मनाने की परंपरा है। हनुमान जी का पहला जन्मदिन चैत्र पूर्णिमा को और दूसरा कार्तिक माह की चौदस को मनाया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, भगवान हनुमान की पूजा करने पर राहु और शनिदोष की पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है।

हनुमान जयंती पूजा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि शुरू: 30 मार्च 2018 शाम 7 बजकर 30 मिनट 33 सेकेंड से 31 मार्च 2018 शाम 6 बजकर 10 मिनट 45 सेकेंड तक रहेगी। शास्‍त्रों में बताया गया है कि हनुमान जी के जन्मद‌िन के मौके पर रात्रि के समय हनुमान जी की पूजा करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। हनुमानजी के जन्मदिन पर घी में चुटकी भर स‌िंदूर म‌िलाकर हनुमान जी को लेप लगाएं।

ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और यदि किसी भक्त पर शनि और राहु का दोष है तो हनुमान जी की कृपा से यह दोष दूर हो जाता है। चुटकी भर स‌िंदूर को घी में म‌िलाकर एक कागज पर स्वास्त‌िक च‌िन्ह बनाएं। चिन्ह बनाने के बाद हनुमान जी के हृदय से लगाकर उसे अपनी त‌िजोरी या अलमारी में रख लें। ऐसा करने से अनावश्यक व्यय में कमी आएगी और धन की वृद्ध‌ि होगी।

हनुमान जयंती पूजा
संपूर्ण सामग्री को पूजाघर में इकट्ठा करें और फिर एक चौकी पर अच्छी तरह से लाल कपड़ा बिछा दें। चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति या फोटो लगाएं। ध्यान रहें कोई भी पूजा भगवान गणेश को सर्वप्रथम नमन किए पूरी नहीं होती। दीया और धूप जलाएं। भगवान गणेश की दीए और धूप से पूजा करें। हनुमान जी से प्रार्थना करें और उनका आह्वान करें। हनुमान मंदिर में आज एक सरसों के तेल का और एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा और सुंदरकाण्ड का पाठ करें। हनुमान जी को सिंदूर, लड्डू और बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं। हनुमानजी को केसरिया रंग के वस्त्र अर्पण करें।

हनुमान जयंती 2018 पूजा सामग्री

एक चौकी

एक लाल कपड़ा

भगवान राम की मूर्ति या फोटो

एक कप अक्षत (बिना टूटे चावल)

कुछ तुलसी की पत्तियां

एक धूप

घी से भरा एक दीया

कुछ ताजे फूल

चंदन या रोली

गंगाजल

नैवेद्य यानी गुड और भुने चने

 

श्रीहनुमान की उपासना से दूर होते हैं मंगल दोष-

ज्योतिष मान्यताओं में शिव अंश होने से मंगल के शुभ होने पर व्यक्ति समस्त सांसारिक सुखों को पाता है, किंतु अशुभ होने पर संतान, भूमि, धन, विवाह, पुत्र, विद्या, रोग आदि से जुड़ी पीड़ाओं का सामना करता है, यही कारण है कि मंगलवार के दिन मंगल दोष शांति का विशेष महत्व है।

पूजा के बाद श्री हनुमान के इन 5 असरदार मंत्रों का जप करें-

ॐ रूवीर्य समुद्भवाय नम:
ॐ शान्ताय नम:
ॐ तेजसे नम:
ॐ प्रसन्नात्मने नम:
ॐ शूराय नम:

इन 5 हनुमान मंत्रों के जप के बाद हनुमानजी और मंगल देव का ध्यान कर लाल चन्दन लगे लाल फूल और अक्षत लेकर श्रीहनुमान के चरणों में अर्पित करें। हनुमान जी की आरती कर मंगल दोष से रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करें।


यदि आपकी भी कोई मनोकामना है तो नीचे लिखे हनुमान मंत्र का जप विधि-विधान से करने पर आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी। मंत्र इस प्रकार है-

मंत्र :महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।

जप विधि : प्रति मंगलवार सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर तथा गुड़-चना चढ़ाएं। इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश का आसन ग्रहण करें। तत्पश्चात लाल चंदन की माला से ऊपर लिखे मंत्र का जप करें। इस मंत्र का प्रभाव आपको कुछ ही समय में दिखने लगेगा।


श्री हनुमान मूल मंत्र:

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥

द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र: हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।

फल: से इस मंत्र के बारे शास्त्रो में वर्णित हैं की यह मंत्र स्वतंत शिवजी ने श्रीकृष्ण को बताया और श्रीकृष्ण नें यह मंत्र अर्जुन को सिद्ध करवाया था जिसे अर्जुन ने चर-अचर जगत् को जीत लिया था।

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प्रेत बाधा दूर करे चमत्कारी हनुमान मंत्र- यदि इस मंत्र का जप विधि-विधान से किया जाए तो कुछ ही समय में ऊपरी बाधा का निवारण हो सकता है। यह हनुमान मंत्र इस प्रकार है-

मंत्र : हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:। अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।।

जप विधि :- स्वच्छ अवस्था में यानी स्नान आदि करने के बाद हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर तथा गुड़-चना चढ़ाएं। इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश का आसन ग्रहण करें। तत्पश्चात लाल चंदन की माला से ऊपर लिखे मंत्र का जप करें। इस मंत्र का प्रभाव आपको कुछ ही समय में दिखने लगेगा।

मुसीबतों को दूर करने का मंत्र- श्री हनुमान की उपासना में आचरण व विचारों की पवित्रता के साथ अपनाना निर्भय और बेदाग जीवन का मंत्र भी माना गया है। नीचे बताई पूजा सामग्री और विशेष छोटे-पर असरदार हनुमान मंत्र से श्री हनुमान की उपासना आज करना न चूकें !

मंत्र : ऊँ हं हनुमंताय नम:।

जप विधि : स्नान के बाद श्री हनुमान मंदिर में जाकर श्री हनुमान की पूजा में केसर चंदन, अक्षत, लाल गुलाब के साथ अलावा विशेष रूप से चमेली का फूल आसान, किंतु अचूक हनुमान मंत्र के साथ अर्पित करें।इस मंत्र की 108 बार रुद्राक्ष की माला से जप भी संकटनाश में बहुत असरदार माने गए हैं।

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