जबलपुर

भारत में जगह-जगह बन रहे है भूकंप के केंद्र,सिंगरौली के बाद जबलपुर मैं महसूस किये गए भूकंप के झटके

भारत में जगह-जगह बन रहे है भूकंप के केंद्र,सिंगरौली के बाद जबलपुर मैं महसूस किये गए भूकंप के झटके

जबलपुरApr 11, 2018 / 11:45 am

Lalit kostha

earthquake zone in madhya pradesh

जबलपुर। प्रदेश के सिंगरौली जिले में मंगलवार को भूकम्प के तेज झटके आए। जिसके बाद पूरे शहर में दहशत फैल गई। लोग घरों के बाहर निकल आए। रात करीब आठ बजे के आसपास आए भूकंप की दहशत ऐसी थी कि लोग रात को घरों में सोने के बजाए टहलते हुए नजर आए। वहीं कुछ ने बीच सड़क और मैदानों पर बिस्तर डाल लिया। वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप की तीव्रता ४.६ रही। जिसका केन्द्र जिला मुख्यालय से करीब १४ किमी दूर बताया जा रहा है। भूकंप के झटके करीब ४ सेकेंड तक महसूस किए गए।
वहीं भूकंप के लिए प्रदेश में सबसे संवेदनशील कहे जाने वाले जबलपुर में भी लोग दहशत में आए गए हैं। यहां भूकंप के झटके आए दिन महसूस होते रहते हैं। अंतिम बाद भूकंप के झटके डेढ़ साल पहले तक महसूस किए गए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार नर्मदा किनारे बसा ये शहर भूकंप की दृष्टि से सबसे संवेदनशील है।

 

ऐसे जानें भूकंप के खतरे

प्रदेश के 28 जिलों का बड़ा भू-भाग भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन चार में पहुंच चुका है। ऐसे में यदि कभी प्रदेश में केंद्रित भूकंप आता है तो इस भू-भाग को बड़ा नुकसान झेलना होगा। विशेषज्ञों के इस संकेत के बाद शहरवासियों में भूकंप संवेदी क्षेत्र घोषित होने की वजह से एक बार फिर भूकंप की चर्चाएं और कहीं न कहीं दहशत का माहौल है।

22 मई 1997 को आए भूकंप ने जबलपुर शहर की सूरत ही बदल दी थी। उस भारी भूकंप के बाद शहरवासी इतना डर गए थे कि हल्की आवाज पर भी सहम जाते थे। बादलों की गडगड़़ाहट भी भूकंप की आवाज ही प्रतीत होती थी। भूकंप जोन 3 में आने की वजह से अब भी यहां जब-तब भूकंप के हल्के झटके महसूस किए जाते हैं।

सोन-नर्मदा लीनियामेंट
हर एरिया का एक्टिव जोन होता है जो फॉल्ट जोन पर निर्भर करता है। सोन-नर्मदा लीनियामेंट जोन में आता है। ये ऐसे स्थान होते हैं जहां एक्टिविटी अधिक होने पर एनर्जी बाहर आने लगती है। ये कई बार भूकंप का रूप ले लेती है। जबलपुर में एक्टिव टेक्टॉनिक जोन अधिक व आसपास ही हैं। इसलिए यहां झटके ज्यादा महसूस किए जाते हैं। भू-वैज्ञानिकों द्वारा जबलपुर को नर्मदा-सोन फॉल्ट में अक्सर होने वाली हलचल वाले क्षेत्र के रूप में मान्यता देकर इसे भूकंप संवेदी क्षेत्र का दर्जा दिया गया है।

earthquake zone in madhya pradesh

यहां हिली थी धरती
1997 में आए इस भूकंप के झटके जबलपुर, मंडला, छिंदवाड़ा और सिवनी में महसूस किए गए थे। धरती के हिलने की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान जबलपुर और मंडला में हुआ था। इन जिलों में 8 हजार से ज्यादा घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे, जबकि 50 हजार से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा था। रिक्टर पैमाने पर इसे 6.01 मैग्नीट्यूट तीव्रता मापा गया था। एक बार फिर इन जिलों को भू-वैज्ञानिकों ने भूकंप में सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकने वाले क्षेत्रों में शामिल किया है।


इस दिन महसूस हुए तीव्र झटके
– 22 अक्टूबर 2014
– 25 अप्रैल 2015
– 12 मई 2015
– 24 अगस्त 2016

(नोट- इसके अतिरिक्त भी जबलपुर में जब-तब हल्के भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।)

इनका कहना है
जल स्रोत ज्यादा होने की वजह से यहां भू-गर्भीय हलचल अधिक महसूस की जाती है। भूकंप संवेदी होने की वजह से भी आसपास के इलाकों में भी भूकंप का डर बना रहता है।
-रिमझिम सिंह, जियोलॉजिस्ट

Hindi News / Jabalpur / भारत में जगह-जगह बन रहे है भूकंप के केंद्र,सिंगरौली के बाद जबलपुर मैं महसूस किये गए भूकंप के झटके

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.