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दुर्गा सप्तशती पाठ: भूलकर भी पाठ में न करें ये गलती, रह जाएगी पूजा अधूरी

दुर्गा सप्तशती पाठ: भूलकर भी पाठ में न करें ये गलती, रह जाएगी पूजा अधूरी

जबलपुरSep 28, 2022 / 02:34 pm

Lalit kostha

बेहद शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है ये स्तोत्र, इसके पाठ से सभी इच्छाएं पूर्ण होने की है मान्यता

जबलपुर। 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो चुकी है। नवरात्रि आरंभ होते ही पूरे देश में मां दुर्गा की पूजा-उपासना आरंभ हो जाती है। भक्त घरों में और मंदिरों में देवी की आराधना करते हैं। उपासना करते समय भक्त हवन, आरती, चालीसा और दुर्गासप्तशती का पाठ करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो भक्त नवरात्रि के पूरे नौ दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करता है उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।

 

ज्योतिषाचार्य पंडित अर्जुन पांडे ने बताया धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि में मां अपने भक्तों के कल्याण के लिए धरती पर आती हैं। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से किसी भी तरह के अनिष्ट का नाश हो जाता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। दुर्गा सप्तशती सब तरह की चिंताओं, क्लेश, शत्रु बाधा से मुक्ति दिलाती है। लेकिन इसके शुभ फल प्राप्त करने के लिए इसका पाठ सही तरीके से करना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का सही तरीका और नियम क्या हैं।*

 

durga puja ke niyam

दुर्गा सप्तशती पाठ के नियम
1. जब भी आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करें तो इस बात का ध्यान रखें कि पुस्तक को किसी चौकी जिसे हम व्यासपीठ भी कहते हैं या फिर लाल रंग के वस्त्र के ऊपर रखें। धार्मिक मान्यता के अनुसार हाथ में सप्तशती की पुस्तक लेकर पाठ करने से अधूरे फल की प्राप्ति होती है।

2 . दुर्गा सप्तशती पाठ के नियम के तहत जब भी आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करें तो पाठ बीच में छोड़कर न उठें। इसके साथ ही पाठ को कहीं भी न रोकें। यदि आप सम्पूर्ण पाठ करते हैं तो चतुर्थ अध्याय पूरा होने के बाद विराम ले सकते हैं।

3 . दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय शब्दों का उच्चारण स्पष्ट और लय में होना चाहिए। पाठ की गति न ही बहुत तेज हो और न ही बहुत धीमी।

 

Shardiya Navratri 2022

4 . दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ करने से पहले ध्यान रखें कि आप जिस भी आसन पर विराजमान हो रहे हैं, बैठने से पहले उसका शुद्धिकरण करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि बैठने वाला आसन या तो लाल रंग का हो या कुश का।

5 . जब भी आप दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ करें तो सबसे पहले पुस्तक को हाथ जोड़कर प्रणाम करें। उसके बाद माता रानी का ध्यान करें और फिर पाठ करना आरंभ करें।

6 . दुर्गा सप्तशती का पाठ कई भक्तों के लिए एक दिन में पढ़ना संभव नहीं होता। ऐसे में पहले दिन आप सिर्फ मध्यम चरित्र का पाठ करें और इसके अगले दिन बचे हुए 2 चरित्र का पाठ करें। दुर्गा सप्तशती पाठ के लिए एक अन्य विकल्प भी है। इसका दूसरा विकल्प ये है कि एक, दो, एक चार, दो एक और दो अध्यायों को क्रम से इसे 7 दिन में पूरा करें।

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