एमआइसी की मिली स्वीकृति, तीन साल बाद चुनी सरकार प्रस्तुत करेगी
नगर निगम बजट, विकास और वोटरों को साधने की चुनौती
इसी साल विधानसभा चुनाव भी है। ऐसे में वित्तीय स्थिति और विकास के बीच संतुलन साधने की चुनौती होगी। बजट को लेकर मंगलवार को महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू की अध्यक्षता में एमआइसी की बैठक हुई। इसमें बजट प्रस्ताव को एमआइसी की स्वीकृति मिल गई है।
जल संकट दूर करने पर होगा फोकस
शहर के कई इलाकों को गर्मी के दिनों में भीषण जल संकट का सामना करना पड़ता है। खासकर 2014 के परिसीमन से नगरीय सीमा में शामिल हुए इलाकों से बने 9 नए वार्डों में जल संकट बड़ी चुनौती है। सूत्रों के अनुसार निगम के नए बजट में अमृत योजना के तहत जलपूर्ति का नया नेटवर्क तैयार करने का प्रावधान किया जा सकता है। इसके साथ नगर की सफाई व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सफाईकर्मी बढ़ाने और स्वास्थ्य विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को लेकर राशि का प्रावधान संभावित है।
मूलभूत सुविधाओं पर नजर
नए वार्डों के लोग सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं मिलने को लेकर निगम के बजट पर टकटकी लगाए हैं।
गली-मोहल्लों की सड़कों के निर्माण को लेकर बजट में प्रावधान किए जा सकते हैं। इसके अलावा शहर के मुक्तिधाम के उद्धार, तालाबों के उन्नयन, नए उद्यान विकसित करने को लेकर भी बजट में प्रावधान संभावित है। इसके अलावा शहर के अन्य जरूरी विकास के लिए प्रावधान होंगे।
शहर को बनाएंगे खूबसूरत
महापौर ने कहा कि नगर निगम का यह बजट शहर को खूबसूरत महानगर बनाने और नगरवासियों को राहत प्रदान करने वाला होगा। बैठक में एमआईसी सदस्य शेखर सोनी, एकता गुप्ता, हेमलता सिंह सिंगरौल, अमरीश मिश्रा, जितेन्द्र सिंह ठाकुर, शगुफ्ता उस्मानी गुड्डू नवी, गुलाम हुसैन, मनीष पटैल, दिनेश तामसेतवार, लक्ष्मी गोटिया, निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े, अपर आयुक्त महेश कुमार कोरी व विभागीय अधिकारी शामिल थे।