पंचक नहीं अधिक चिंतनीय
ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार जब चन्द्रमा कुम्भ और मीन राशि में होता है तो उसे पंचक कहा जाता है। यह अवधि लगभग पांच दिन की होती है। इसे हिन्दू धर्म में अशुभ माना गया है, इसमें सभी मांगलिक व धार्मिक कार्यों की मनाही रहती है। पंचक 19 को सुबह 9.47 बजे से 23 मार्च दोपहर 12.38 बजे रहेंगे। शुक्ला ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार नवरात्र को परम शुभ अवसर माना गया है। ऐसे में पंचक चिंतनीय नहीं हैं।
नवरात्र प्रारम्भ बुधवार से होना ज्यादा शुभ
वैदिक मान्यतानुसार बुधवार से नवरात्र शुरू होती है तो माता का आगमन नाव पर होता है। मान्यता है कि नाव पर सवार होकर माता जब भी आती हैं तब अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और सभी कष्ट हर लेती हैं। 31 मार्च शुक्रवार को दशमी है। इस दिन नवरात्र व्रत का पारण होगा और माता प्रस्थान करेंगी। जब बुधवार और शुक्रवार को नवरात्र समाप्त होती है, तो मां की वापसी हाथी पर होती है, जो अधिक बरसात की ओर संकेत है।
एक घंटा रहेगा घटस्थापना का मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य शुक्ला ने बताया कि पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात 10.52 बजे से शुरू होगी और 22 की रात 8.20 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्र की शुरुआत 22 मार्च से होगी। इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त केवल 1 घंटा 10 मिनट का 22 मार्च सुबह 06.29 बजे से सुबह 07.39 बजे तक रहेगा।