जबलपुर। वीकल फैक्ट्री में बीएस-4 तकनीकी के इंजन वाहनों में लगाए जाएंगे। इसकी शुरूआत सुरंगरोधी वाहन (एमपीवी) से की जा रही है। एक वाहन पर यह इंजन फिट करना शुरु कर दिया गया है। इसके लिए प्लांट तीन में मशीनरी एवं उपकरणों में कुछ बदलाव किए गए हैं। मालूम हो कि अर्धसैनिक बलों के लिए जून के बाद से केवल बीएस-4 तकनीक वाले इंजन की सप्लाई की जा सकेगी।
बीएस-3 तकनीक वाले इंजन ही उपयोग मेंवीएफजे में सेना के लिए बन रहे सभी वाहनों में बीएस-3 तकनीक वाले इंजन ही उपयोग किए जा रहे हैं। जबकि कमर्शियल वीकल में इस तरह के इंजनों का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। रक्षा उत्पादन में पर्यावरण मंत्रालय से कुछ समय की सहूलियत मिली है। सूत्रों ने बताया कि फैक्ट्री में मूल निर्माता कम्पनी द्वारा बीएस-4 इंजन भेजा गया है। उसे सुरंगरोधी वाहन के हल पर फिट किया जा रहा है। इसका काफी काम भी हो चुका है। बताया जाता है कि पहले और अभी के इंजन के आकार में ज्यादा फर्क नहीं है। इसे नई एवं पर्यावरण के अनुकूल तकनीक के आधार पर तैयार किया गया है। इस वाहन का एक नया हल तैयार किया है। उस पर नए इंजन को स्थापित किया जा रहा है। इस काम में कुछ विशेषज्ञ कर्मचारियों को लगाया गया है।
अर्धसैनिक बल भी बड़े ग्राहकवीकल फैक्ट्री सेना के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों को भी सुरंगरोधी वाहनों की सप्लाई करता है। इसमें इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी),
सीआरपीएफ , झारखंड पुलिस,
छत्तीसगढ़ पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस सहित दूसरे अर्धसैनिक बल भी शामिल हैं। गृह मंत्रालय के अंतर्गत यह विभाग जून के बाद बीएस-3 तकनीक वाले सुरंगरोधी वाहन नहीं ले पाएंगे। अब भविष्य में फैक्ट्री को इन विभागों से तभी ऑर्डर मिलेगा जब भारत स्टेज यानि बीएस-4 तकनीक वाले इंजन इनमें लगेंगे। इसलिए फैक्ट्री ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं।