बताया गया है कि निजी स्कूल संचालकों की अवैध फीस वसूली का आंकड़ा 240 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। सोमवार को कलेक्टर दीपक सक्सेना और एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने पत्रकारवार्ता कर इस काले कारनामे की पोल खोली। पहले चरण में जिन 11 स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन पर अवैध फीस वसूली और किताबों के फिक्सिंग के आरोप हैं। इन्होंने प्रशासन को बिना सूचना दिए और अनुमति के मनमाने तरीके से फीस वृद्धि करते हुए 21 हजार बच्चों के अभिभावकों से 81.30 करोड़ रुपए की जबरिया वसूली की। इन स्कूल संचालकों द्वारा अवैध वसूली के रेकॉर्ड मिले हैं। सभी के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर सुबह 5 बजे उनके ठिकानों पर पुलिस टीम ने दबिश दी। इस दौरान 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिनसे पूछताछ कर दस्तावेज की बरामदगी की जा रही है।
मनमाने तरीके से निजी स्कूलों ने बढ़ाई फीस
इन स्कूलों पर आरोप लगाया गया था कि इन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से स्कूलों की फीस बढ़ा दी थी। मध्य प्रदेश में 2017 में निजी स्कूलों के संचालन के लिए एक अधिनियम पारित किया गया था, इसके तहत कोई भी स्कूल संचालक बिना सुविधा बढ़ाए 10त्न तक से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते। वहीं दूसरी तरफ इससे अधिक फीस बढ़ाने पर जिला प्रशासन की अनुमति की जरूरत होती है। इस मामले में जिला प्रशासन ने जांच की और जबलपुर के इन स्कूलों ने बिना नियम के अपनी फीस में बढ़ोतरी किए जाने की पुष्टि हुई।
इन स्कूलों में मिला फर्जीवाड़ा
11 स्कूलों के प्राचार्य, मैनेजर, डायरेक्टर, तीन बुक स्टोर संचालक समेत 80 पर एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें 29 आरोपी अलग-अलग एफआइआर में रिपीट हैं।
स्कूल का नाम- आरोपियों का नाम
- क्राइस्ट चर्च स्कूल कोएड सालीवाड़ा- चैयरमैन अजय उमेश जेम्स, मैनेजर एस नीलेश सिंह, प्राचार्य क्षितिज जैकब
- स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल विजय नगर- चैयरमैन मधुरानी जयसवाल, निदेशक और सचिव पर्व जयसवाल, प्राचार्य मनमीत कोहली
- क्राइस्ट चर्च फॉर ब्वायज एंड गल्र्स- चैयरमैन अजय उमेश जेम्स, प्राचार्य शाजी थॉमस, मैनेजर एलएम साठे
- श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल धनवंतरि नगर- चैयरमैन संजीव गर्ग, प्राचार्य और सचिव जी रवीन्द्र, एडवाइजर सीएस विश्वकर्मा, डायरेक्टर भूपना सीमा, सुषमा श्री
- सेंट अलॉयसियस स्कूल पोलीपाथर- मैनेजर फादर एसजी विल्सन, प्राचार्य और सचिव सोमा जॉर्ज
- ज्ञानगंगा आर्किड इंटरनेशनल स्कूल- अध्यक्ष दयाचंद्र जैन, उपाध्यक्ष विनीराज मोदी, सचिव भरतेश भारिल, कोषाध्यक्ष नीतिका जैन, प्राचार्य दीपाली तिवारी
- सेन्ट अलॉयसियस सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल सदर- प्राचार्य सीबी जोसफ
- लिटिल वर्ल्ड स्कूल- सीईओ चित्रांगी अय्यर, मैनेजर सुबोध नेमा, प्राचार्य परिधी भार्गव
- क्राइस्ट चर्च फॉर ब्वायज सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल सिविल लाइंस- चैयरमैन अजय जेम्स, प्राचार्य एलएम साठे, सदस्य अतुल अनुपम इब्राहिम और एकता पीटर
- सेंट अलॉयसियस रिमझा- वाइस चैयरमैन फादर इब्राहिम, मैनेजर और प्राचार्य फादर जॉन वॉल्टर, सेकेट्री फादर सीबी जोसफ
- क्राइस्ट चर्च जबलपुर डायसेशन स्कूल- चैयरमैन अजय उमेश जेम्स, मैनेजर एलएम साठे, प्राचार्य एकता पीटर, हेड ऑफ डायसेशन इंस्टीट्यूट शाजी थॉमस मैनेजर ललित सालोमन
राधिका और चिल्ड्रन बुक डिपो पर पांच-पांच एफआईआर
मनमाने रेट पर कॉपी किताबें बेचने वाले न्यू राधिक बुक डिपो के संचालक आलोक इन्दुरख्या और राम इन्दुरख्या व चिल्ड्रन बुक डिपो के संचालक सूर्यप्रकाश वर्मा और शशांक श्रीवास्तव पर पांच-पांच एफआईआर दर्ज की गई है। रा धिका बुक डिपो द्वारा क्राइस्ट चर्च सालीवाड़ा, स्टेमफील्ड, सेंट आलॉयसियस पोलीपाथर और सदर और क्राइस्ट चर्च जबलपुर डायसेशन स्कूलों पर दर्ज मामलों में आरोपी बनाया गया है। वहीं चिल्डन बुक डिपो के संचालकों को क्राइस्ट चर्च ब्वायज एंड गल्र्स, सेंट अलॉयसियस पोलीपाथर और सदर, क्राइस्ट चर्च सीनियर सेकण्ड्री स्कूल सिविल लाइंस के मामले में आरोपी बनाया गया है।
80 फीसदी किताबें फर्जी
जांच में यह बात भी सामने आई कि स्कूलों में लगने वाली 80 प्रतिशत नई किताबों में फर्जी या डुप्लीकेट आईएसबीएन नम्बर डला हुआ था। उनकी जांच की गई, तो प्रकाशक और बुक विक्रेताओं की स्कूल प्रबंधन से मिलीभगत उजागर हुई। एफआईआर के अनुसार स्कूल संचालकों ने कमीशन खोरी के चक्कर में ऐसी किताबों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया, जो गैर जरूरी थीं और उनका पढ़ाई से कोई मतलब नहीं था। इन किताबों को बुक स्टोर संचालकों ने महंगे दामों में बेचा और इसका कमीशन बुक स्टोर और स्कूल दोनों ने रखा। इन 11 स्कूल संचालकों ने बुक सेलरों से 4 करोड़ रुपए से अधिक की दलाली ली।
आरोपियों की लिस्ट यहां देखें
मामले में एजुकेटर नॉलेज इंडिया प्रा.लि.और देव ज्योति बुक प्रा.लि. करनाल हरियाणा, एसटीसी पब्लि शिंग हॉऊस नोएडा, सृजन पब्लिशन प्रा.लि. दिल्ली, सनबीम प ब्लिकेशन, विद्यार्थी प्रकाशन, आईकोनिक पब्लिकेशन दिल्ली, एप्पली बुक चेन्नई, क्रिस्टन पब्लिकेशन आगरा, सोनी पब्लिकेशन पीवी टीएलटीडी करोल बाग, सोनिका पब्लिकेशन मायापुरी दिल्ली, स्कूल शॉप प्रा.लि., जय डिकास्टा मुंबई, देवज्योति बुक प्रा.लि. और सायफर इंडिया पब्लिशर प्रा.लि. हरियाणा, ओलीवर पब्लिकेशन एलएलपी इंदौर, एजुकेयर नॉलेज इंडिया प्रा.लि., देवज्योति बुक्स प्रा.लि. हरियाणा, एसटीसी पब्लिशिंग हाऊस दिल्ली, सोनी पब्लिकेशन पीवीटी एलटीडी करोल बाग, सोनिका पब्लिकेशन दिल्ली, मरीना पब्लिकेशन गाजियाबाद, किड्स लर्निंग प्रा.लि. नोएडा, सनबीम प ब्लिकेशन दिल्ली को आरोपी बनाया गया है।