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बड़ी खबर : जबलपुर में 3500 परिवारों को ‘ लापता चहेतों’ का इंतजार, खोजने में पुलिस नाकाम

‘ लापता चहेतों’ का इंतजार, खोजने में पुलिस नाकाम

जबलपुरMay 18, 2024 / 02:39 pm

Lalit kostha

missing loved ones

जबलपुर. जिले में साढ़े तीन हजार से अधिक परिवारों को चहेतों का इंतजार है। इनमें घर-आंगन में खुशियों बिखेरने वाले बेटे-बेटियां शामिल हैं तो वहीं कई युवा और बुजुर्ग हैं। परिवारों को आस है कि आंगन की खुशियां फिर महकेंगी, तो कोई दुआ करता है कि उसकी मांग का सिंदूर लौट आए। हम बात कर रहे हैं, जिले से लापता हुए बालक बालिकाओं, युवा और बुजुर्गो की। जिले में इनकी संख्या तीन हजार 644 है। इनमें बड़ी संख्या नाबालिग और युवा हैं। इनमें से अधिकतर घरों से निकले, लेकिन फिर वापस नहीं लौटे।
नाबालिग में सक्रियता, बाकी में खानापूर्ति
नाबालिग बालक-बालिकाओं के गुम होने के मामले में तो पुलिस सक्रियता से जांच करती है, तलाश के प्रयास भी होते हैं। 18 आयु वर्ग से अधिक उम्र के गुमशुदा प्रकरण खानापूर्ति तक सीमित हैं। यही कारण है कि लापता होने वालों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। शहर में रांझी थाना में सर्वाधिक 424 मामले हैं। इनमें पुलिस लापता को नहीं तलाश पाई, तो वहीं देहात थानों में पनागर में 283 गुम इंसान दर्ज है। इनकी तलाश केवल कागजों में ही चल रही है।
अमला कम

गुम इंसान तलाशने में पुलिस विभाग में अमले की कमी है। अधिकारी कहते है कि दर्जनों एफआईआर, शिकायत और मर्ग के साथ गुम इंसानों की जांच है। कानून व्यवस्था की ड्यूटी भी शामिल है। इससे इतर प्रक्रिया से जुड़े कर्मियों का कहना है कि फंड की कमी भी आड़े आती है। ऐसे में सुराग मिलने के बावजूद दूसरे शहर जाना संभव नहीं होता।
स्वयंसेवियों-संगठन के भरोसे
शहर में कई ऐसे संगठन भी हैं, जो लापता होने वाले बच्चों और बुजुर्गो के परिजनों से सम्पर्क कर उनकी तस्वीरों और जानकारी को सोशल मीडिया पर विभिन्न प्लेटफार्म पर वायरल करते हैं, ताकि यह जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और लापता की तलाश में मदद मिल सके। इसमें परिजनों के साथ ही पुलिस थाने और जिले के कंट्रोल रूम तक का नम्बर दिया जाता है।
missing loved ones
missing loved ones
केस-01
मामला- गढ़ा निवासी आशीष बैरागी (16) 23 मार्च की रात आठ बजे घर से निकला, लेकिन फिर नहीं लौटा। मामले में परिजनों ने गढ़ा थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस जांच कर उसका पता लगा रही है।
केस- 02

मामला- विजय नगर निवासी निशित सइकिया 24 मार्च को घर से निकले। इसके बाद वे घर नहीं लौटे। परिजनों ने तलाश की, पता नहीं चला, तो गुमशुदगी विजय नगर थाने में दर्ज कराई, लेकिन अब तक उनका पता नहीं चल सका।
गुम इंसान दर्ज करने के बाद पुलिस द्वारा सभी मामलों की जांच की जाती है। हाल ही में पुलिस ने ऐसे गुम लोगों को भी तलाशा, जो पांच से दस साल से लापता थे। इसके लिए पुलिस के स्तर पर हर संभव प्रयास किए जाते है।
सूर्यकांत शर्मा, एएसपी

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