तीन घंटे खड़ी रही ट्रेन
बताया गया है कि जबलपुर-इंदौर ओवरनाइट एक्सपे्रेस बुधवार रात जबलपुर से भोपाल के लिए रवाना हुई। इस ट्रैक पर रेल विद्युतीकरण का भी काम चल रहा है। ट्रेन गाडरवारा के आगे पहुंची तभी उसके पहिए लडख़ड़ाने लगे। यात्री दहशत में आ गए। ट्रेन के लडख़ड़ाने से ड्राइवर ने सूझबूझ से तत्काल इमरजेंसी ब्रेेक लगाकर ट्रेन को रोका। इसके बाद करीब तीन घंटे तक ट्रेन नदी पुल पर खड़ी रही। इस बीच तार निकाल कर ट्रेन को आगे रवाना किया गया। स्टेशन प्रबंधक एचपी सिंह ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि रात में ओवरनाइट एक्सप्रेस के ऊपर विद्युतीकरण का तार गिरने से पुल पर खड़ी रही।
हो जाता बड़ा हादसा
यात्रियों के अनुसार जिस वक्त घटना हुई। उस समय ट्रेन की रफ्तार धीमी थी। रेल ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर पहले गाड़ी धीमा किया और उसे रोका। अगर समय पर बे्रक नहीं लगाया जाता या ट्रेन की स्पीड अधिक होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन के चकों में तार फंसने की वजह से तेज आवाजें आ रही थीं। लोग बुरी तरह डर गए थे। रेल सूत्रों का कहना है कि घटना से लगभग आधे किमी लंबे स्थान का तार प्रभावित हुआ है। आरपीएफ जांच कर रही है।
शुरू हुई मामले की जांच
घटना की खबर पर गुरुवार सुबह से ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। घटना स्थल पर जांच व पूछताछ का दौर चलता रहा। जांच दल में में आरपीएफ, डॉग स्क्वायड मौके पर रहा। वहीं रेलवे के इंजीनियर भी मौके पर रहे। विद्युतीकरण के तारों को लपेट कर रखा गया है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी के उददेश्य से तारों को काटकर यहां रखा गया था। संभवत: चुराकर ले जाने से पहले उसने तारों को ट्रेक पर रख दिया था। ज्ञात हो कि इन दिनों क्षेत्र में रेलवे लाइन के विद्युतिकरण का कार्य चल रहा है। बहरहाल इस घटना ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। यह लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण भी हो सकता है।