जबलपुर। बरगी बांध में कब और कितना पानी कैचमेंट एरिया से आएगा, इसकी जानकारी बांध के अफसरों को दस घंटे पहले ही लग जाती है। इसके बाद शुरू होता है समीक्षा का दौर। जिसके बाद पानी की आवक के अनुसार उसकी निकासी के लिए कितने गेट और कितनी ऊंचाई तक खोलने हैं, हर एक बात का निर्धारण होता है। लगातार हो रही बारिश से बरगी बांध के सभी अधिकारी और कर्मचारी अलर्ट मोड पर हैं।
हर घंटे मापते हैं पानी बांध में आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में लगभग 60 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी तैनात रहते हैं, जो प्रत्येक घंटे बांध में आ रहे पानी का जल स्तर मापते हैं और इसकी जानकारी आला अफसरों तक पहुंचाते हैं। इनकी ड्यूटी सुबह छह से दोपहर दो, दोपहर दो से रात दस और रात दस से सुबह छह बजे की शिफ्ट में होती है।
ऐसे मिलती है जानकारीबरगी बांध के अपने खुद के आठ स्टेशन हैं, जहां से बारिश की जानकारी मिलती है। जानकारी के अनुसार डिंडोरी, मवई, मुस्की, मंडला, बरगी नगर, मानोत और बम्हनी समेत एकमअन्य स्टेशन है, जहां बारिश मापने के आधुनिक यंत्र लगे हुए हैं। यहां से प्रत्येक तीन घंटे में एक रिपोर्ट बरगी बांध भेजी जाती है, जिसमें बारिश और उससे सम्बंधित पूरी जानकारी होती है।
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अभी और चलेगा झमाझम बारिश का दौर, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्टअधिकतम 20 घंटे का मिलता है समयरिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाता है कि बांध में कितना पानी आएगा और कितना छोडऩा है। इसके बाद गेटों को खोलने और बंद करने का समय निर्धारित होता है। जानकारी के अनुसार उक्त स्टेशनों से जानकारी आने के कम से कम दस और अधिकतम 20 घंटे बाद तक पानी बांध पहुंचता है।