सोभा के शेयरों में 14 फीसदी तक की तेजी
आज साउथ की सबसे बड़ी रियलटी कंपनियों में से एक सोभा के शेयरों में 14 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। यह तेजी दूसरी तिमाही में उसकी सेल्स में आई तेजी के कारण आई है। आंकड़ों के अनुसार मौजूदा समय में कंपनी का शेयर 10.66 फीसदी यानी 25.60 रुपए की तेजी के साथ 264.65 रुपए पर कारोबार कर रहा है। जबकि कंपनी का शेयर कारोबारी सत्र के दौरान 14 फीसदी की तेजी साथ 272.92 रुपए की दिन की सबसे बड़ी उंचाई पर गया। इसका कारण है कि जुलाई से सितंबर तिमाही में कंपनी की बिक्री की मात्रा 37 फीसदी कुल बिक्री मूल्य तमें 41 फीसदी और वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बिक्री के मूल्य में कंपनी की हिस्सेदारी 35 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। कंपनी के अनुसार कंपनी के यह आंकड़े तब आए हैं जब बेंगलूरू में जुलाई के महीने में लॉकडाउन लगा हुआ था।
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रियलटी सेक्टर में तेजी
खास बात तो ये है कि बांबे स्टॉक एक्सचेंज में रियलटी सेक्टर में तेजी देखने को मिल रही है। इसका कारण है रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में तेजी का माहौल बना हुआ है। गोदरेज प्रॉपर्टीज के शेयरों में 4 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है। ब्रिगेड के शेयरों में 3 फीसदी की तेजी का माहौल है। प्रेस्टीज का शेयर 2.5 फीसदी, ओबरॉय रियलटी 2.11 फीसदी, डीएलएफ1.63 फीसदी, आईबी रियल एस्टेट और सन टेक के शेयरों में मामूली उछाल देखने को मिल रहा है। जानकारों का मानना है कि कोविड काल में रियलटी सेक्टर में हल्की बढ़त देखने को मिली है। इसके कई कारण है। आज हम उन्हीं कारणों के बारे में बात करेंगे जिसकी वजह से आने वाले छह महीने रियलटी के लिहाज से काफी अहम होने जा रहे हैं।
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होम लोन की दरें 15 साल के निचले स्तर पर
कोविड काल में रेपो दरों में बड़ी गिरावट की गई है। वहीं रियलटी सेक्टर को उबारने के लिए बैंकों की ओर से कई तरह के कदम उठाए गए हैं। ब्याज दरों में इतनी गिरावट की जा चुकी है कि ब्याज दरें 15 से 20 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी हैं। अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी चेयरमैन राकेश यादव के अनुसार मौजूदा समय में जिस तरह की तेजी देखने को मिल रही है और आने वाले दिनों में जिस तरह की संभावित तेजी का अनुमान लगाया जा रहा है उसमें होम लोन की ब्याज दरें एक अहम फैक्टर है।
स्टांप ड्यूटी हुई कम
वैसे स्टांप ड्यूटी कम करने की शुरूआत अभी सिर्फ महाराष्ट्र सरकार की ओर से हुई है। जोकि सितंबर महीने से लागू हुई हैं। आने वाले दिनों में इसका फायदा रियलटी सेक्टर में जरूर देखने को मिलेगौ। रियलटी सेक्टर के जानकार प्रदीप मिश्रा की मानें तो महाराष्ट्र सरकार की ओर से स्टांप ड्यूटी कम करने का जो निर्णय लिया गया है उसे पूरे देश की सभी राज्यों को उठाने की जरुरत है। ताकि रियल एस्टेट सेक्ट को बूम मिल सके। उससे पहले बैंकों के चीफ भी इस बारे में बोल चुके हैं कि ब्याज दरें कम होने के साथ अगर राज्य स्टांप ड्यूटी भी कम करेंगे तो इस सेक्टर में बूम ज्यादा जल्दी और तेज देखने को मिलेगा।
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घर ही बन गया है ऑफिस
जैसा कि सोभा लिमिटेड की ओर से बयान है कि मकानों के लिए इंक्वायरी प्री कोविड लेवल पर आ गई हैं। इसका अहम कारण हैं कि अब लोगों को ज्यादा स्पेस की जरुरत महसूस होने लगी है। कोविड काल में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा है। साथ ही आने वाले सालों में वर्क फ्रॉम होम प्रत्येक सेक्टर में देखने को मिलेगा। ऐसे में हर किसी को अपने घर में ऑफिस रूम क्रिएट करने की जरुरत होगी। जिसकी वजह से लोगों की ओर से बड़ा घर लेने के लिए इंक्वायरी कर रहे हैं। जिनके सेल्स में चेंज होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
रिजनेबल किया है प्राइस
बीते कुछ सालों से रियल सेक्टर मंदी की मार झेल रहा है। उसके बाद रही सही कसर कोविड ने पूरी कर दी। ऐसे में रियल एस्टेट कंपनियों की ओर से अंडर डेवलप मकानों की कीमतों में कटौती की है। वहीं रेडी टू मूव मकानों की कीमतों को भी रिजनेबल रखा है। जिसका असर बिक्री में देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में इनकी बिक्री में और इजाफा देखने को मिल सकता है। इसका कारण है कि कीमतें आने वाले महीनों में रिजनेबल ही रह सकती हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग ने बदली प्रायोरिटी
वहीं दूसरी ओर कोविड काल में आम लोगों की धारणाओं में काफी बदलाव किया है। साथ ही इस सोच में भी लाया है कि वो शहर से दूर नहीं जाएंगे। राकेश यादव का कहना है कि मौजूदा समय में लोग ऐसी जगहों की तलाश कर रहे हैं जहां स्पेस ज्यादा होने के साथ खुला हुआ इलाका हो, भीड़ ना हो, लोगों का जमावड़ा ज्यादा ना हो। इसका कारण है सोशल डिस्टेंसिंग। जिसकी वजह से ऐसे इलाकों में भी घर बिक रहे हैं, जो उनके वर्क प्लेस थोड़ा दूर भले ही हो, लेकिन खुला और आसपास का इलाका स्पेशियस हो।