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देश के 1500 जगहों पर धरना प्रदर्शन
संगठन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद से माल एवं सेवा कर के कठिन नियमों को सरल करने की मांग कर रहे हैं। जिसकी वजह से 26 फरवरी को भारत बंद करने का ऐलान किया गया है। जिसके देश के 1500 स्थानों पर धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा। देश के करीब 8 करोड़ कारोबारी इस प्रदर्श में भाग ले रहे हैं।
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14 घंटे तक ट्रांसपोर्टेशन रहेगा बाधित
देश के सभी राज्यों में राज्य स्तरीय-परिवहन संघों ने भारत सरकार द्वारा पेश किए गए नए ई-वे बिल कानूनों के विरोध में कैट का समर्थन करने का ऐलान किया है। ट्रांसपोर्ट के ऑफिसों को कल पूरी तरह से बंद करने का ऐलान किया गया है। किसी भी प्रकार की माल की बुकिंग, डिलीवरी, लदाई/उतराई बंद रहेगी। सभी परिवहन कंपनियों को विरोध के लिए सुबह 6 से शाम के 8 बजे के बीच अपने वाहन पार्क करने के लिए कहा गया है। ई वे बिल का नियम एक जनवरी से लागू हुआ है। जिसकी वजह से परिवहन और कारोबारी काफी परेशान है। सरकार की मानें तो ई वे बिल की समय सीमा की वैधता घटाई जाएगी।
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इन संगठनों ने भी दिया समर्थन
ट्रांसपोर्ट सेक्टर के साथ राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों ने भी व्यापार बंद का समर्थन किया है जिसमें ऑल इंडिया एफएमसीज़ी डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन, फेडेरेशन ऑफ अलूमिनियम यूटेंसिलस मैन्यूफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन, नार्थ इंडिया स्पाईसिस ट्रेडर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया वूमेंन एंटेरप्रिनियर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कम्प्यूटर डीलर एसोसिएशन, ऑल इंडिया कॉस्मेटिक मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन आदि शामिल हैं।