उद्योग जगत

जेफ बेजोस के बाद अब एलन मस्क देंगे मुकेश अंबानी को टक्कर, जानिए क्या है पूरा मामला

भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री पर एलन मस्क की नजर, चाहते हैं अपनी किस्तम आजमाना
सैटेलाइट नेटवर्क से भारत के लोगों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोडऩे में करेंगे मदद

Feb 07, 2021 / 11:36 am

Saurabh Sharma

After Jeff Bezos, Elon Musk will now compete with Mukesh Ambani

नई दिल्ली। अमेजन के जेफ बेजोस के बाद अब एलन मस्क भी मुकेश अंबानी को टक्कर देने के लिए भारत में आने वाले हैं। अब आप सोच रहें होंगे कि एलन मस्क आखिर किस क्षेत्र में मुकेश अंबानी को टक्कर देंगे। दोनों ही अलग-अलग फील्ड में माहिर हैं। वास्तव में एलन मस्क भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमानें का प्लान बना रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो को कड़ी टक्कर मिलेगी। जानकारी के अनुसार एलन मस्क 100 एमबीपीएस सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस के माध्यम से तेजी से बढ़ रही इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री में अपना हाथ आजमाना चाहते हैं।

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ट्राई से मांगी अनुमति
जानकारी के अनुसार एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने भारत सरकार को देश में सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजीज की अनुमति देने की रिक्वेस्ट की है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए पिछले साल अगस्त में कंसल्टेशन पेपर जारी किया था। इस पेपर के जवाब में स्पेक्स एक्स की सैटेलाइट गवर्नमेंट अफेयर्स पैट्रीशिया कूपर ने कहा कि स्टारलिंक के हाई स्पीड सैटेलाइट नेटवर्क से भारतीयों ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोडऩे के टारगेट में हेल्प मिलेगी।

मस्क का फुलप्रूफ प्लान
पैट्रीशिया कूपर के अनुसार कंपनी की सर्विस से देश रूरल एरिया के लोग भी लाभ ले पाएंगे। उनके अनुसार बाकी कंपनियों के मुकाबले सर्विस भी काफी सस्ती होगी। अगर ट्राई उनकी सिफारिशों को मानती है तो स्पेसएक्स भारत में स्टारलिंक को लांच करने का प्लान भी कर सकती है। कंपनी का स्टारलिंक प्रोजेक्ट पृथ्वी की निचली कक्षा में मौजूद सैटेलाइट्स का एक समूह है, जिसके जरिए दुनिया के दूरदराज के इलाकों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन मुहैया कराया जा सकता है।

1000 से ज्यादा सैटेलाइट किए हैं लांच
स्पेस एक्स ने स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस के माध्यम से 1000 से ज्यादा सैटेलाइट लांच किए हैं। कंपनी अमरीका, ब्रिटेन और कनाडा में कस्टमर्स को जोड़ रही है। कंपनी ने इंवेस्टर्स से कहा है कि स्टारलिंक की नजर इन-फ्लाइट इंटरनेट, मैरिटाइम सर्विसेज, भारत और चीन में डिमांड और रूरल कस्टमर्स पर है। जोकि एक ट्रिलियन डॉलर का मार्केट है। कई महीनों से स्पेस एक्स अपने फॉल्कन 9 रॉकेट्स से स्टारलिंक सैटेलाइट्स लांच करने में लगी हुई है। एक साथ 60 सैटेलाइट भेजे जा रहे हैं। 17वां स्टारलिंक जांच 20 जनवरी को देखने को मिला था। ऑर्बिट में कंपनी के 960 सैटेलाइट एक्टिव हो चुके हैं।

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मुकेश अंबानी से होगा सीधा मुकाबला
अगर स्टारलिंक भारत में एंट्री करती है तो उसका सीधा मुकाबला कुछ सालों में भारत के टेलीकॉम सेक्टर में अपना दबदबा कायम करने वाली मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो से होगा। जियो जल्द ही 5जी लांच करने की तैयारी कर रही है। बैंक ऑफ अमेरिका ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक जियो 4जी रोलआउट भारत के इंटरनेट सेक्टर के लिए गेम चेंजर साबित हुआ है। इसने किफायती दामों पर यूजर्स को इंटरनेट मुहैया कराया जिससे बड़े पैमाने पर डाटा उपयोग को बढ़ावा मिला। मौजूदा समय में देश में 65 करोड़ इंटरनेट कंज्यूमर हैं। जो एवरेज 12 जीबी डाटा प्रति महीने यूज करते हैं।

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