पुलिस के अनुसार मृतकों में आकाश , हरीश (10) और लोकेश (15) शामिल हैं। आकाश जहां 14 साल का था वहीं लोकेश की उम्र 15 वर्ष बताई जा रही है. मासूम हरीश ने तो अभी महज 10 वसंत ही देखे थे. बच्चे—किशोरों की मौत से गांव का हर व्यक्ति गमगीन हो उठा. इस घटना के बाद गांववालों में खदान संचालक के प्रति गुस्सा भर गया.
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अपने मासूम बच्चों की मौत से आक्रोशित परिजनों ने इंदौर-उज्जैन मार्ग पर उनके शव रखकर जाम लगा दिया। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए. एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने खनिज संचालकों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया, पर बच्चों के परिजन एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांग पर अड़े गए थे। मंंत्री तुलसी सिलावट ने चार-चार लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की बात कही है।