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इंदौर

4500 घरों पर चले बुलडोजर, सड़क चौड़ीकरण में खर्चे 500 करोड़,…फिर भी ट्रैफिक जाम

पत्रिका अभियान: स्मार्ट सिटी की सड़कों पर पार्किंग, रेहड़ी और दुकानदारों के कब्जे, नतीजा-चौड़ी सड़कें हो गईं संकरी
 

इंदौरNov 26, 2023 / 09:26 pm

प्रमोद मिश्रा

4500 घरों पर चले बुलडोजर, सड़क चौड़ीकरण में खर्चे 500 करोड़,…फिर भी ट्रैफिक जाम,4500 घरों पर चले बुलडोजर, सड़क चौड़ीकरण में खर्चे 500 करोड़,…फिर भी ट्रैफिक जाम

इंदौर. ट्रैफिक सुधार के लिए स्मार्ट सिटी ने सड़केें चौड़ी कीं तो इंदौर के लोगों ने न केवल अपनी बेशकीमती जमीन दी, बल्कि अपने आशियानों पर बुलडोजर भी चलवाए। नगर निगम ने 9 सड़कों को चौड़ी करने के लिए साढ़े चार हजार मकान तोड़े। इन सड़कों के निर्माण में 500 करोड से अधिक खर्च किए, लेकिन नतीजा ट्रैफिक जाम के रूप में सामने है। सड़कों पर खड़े वाहन, रेहड़ी और दुकानों के कब्जे अफसर हटाने में नाकाम रहे या देखकर भी उन्होंने आंखें मूंद ली। ट्रैफिक जाम से हलाकान जनता के लिए आशा की किरण यह है कि कानून के जानकार इस मामले को कोर्ट ले जाने का भरोसा दिला रहे हैं।
शहर में जितनी भी सड़कें चौड़ी की गई हैं, उनका खास फायदा नहीं हुआ, क्योंकि महंगी सड़कें पार्किंग में तब्दील हो गईं। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। सड़कों पर ही वाहन पार्क हो रहे हैं। सड़कों पर बैठे रेहड़ी वाले हॉकर्स जोन की पोल खोल रहे हैं। दुकानें सड़क तक फैली हुई हैं। साढ़े 27 लाख वाहनों के चलने के लिए नगर निगम, पुलिस, प्रशासन के अफसर जगह नहीं बना पा रहे हैं।
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इन 9 सड़कों के घरों पर चले बुलडोजर
नगर निगम ने 9 सड़कों को बनाने में लोगों के घर तोड़े। कहीं आधा मकान गया तो कहीं पूरा मकान टूटा। कई लोगों ने अपने मकान के आगे का हिस्सा खोया। मच्छी बाजार से गंगवाल, राजबाड़ा से इमली बाजार, संजय सेतु से पलसीकर के मकान तोड़े गए। यह काम अब भी जारी है।
स्थान – टूटे मकानों की संख्या
महू नाका से टोरी कॉर्नर- 600

राज मोहल्ला से बड़ा गणपति – 200

जयरामपुर से गोराकुंड – 440

मच्छी बाजार से गंगवाल – 750

कृष्णपुरा छत्री से नंदलालपुरा चौराहा – 12
कृष्णपुरा छत्री से राजबाड़ा – 7

बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री – 1300

राजबाड़ा से इमली बाजार – 80

संजय सेतु से पलसीकर – 1250

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हर वार्ड में हॉकर्स जोन का ढिंढोरा, बने 5 भी नहीं
रेहड़ी वाले को सड़क से हटाकर एक जगह हॉकर्स जोन में भेजा जाना था, ताकि सड़कों पर वाहनों के लिए जगह मिल सके। हर वार्ड में एक यानी 85 हॉकर्स जोन बनने थे, लेकिन नंदलालपुरा, निरंजनपुर में ही हॉकर्स जोन चल रहे हैं। जिंसी हाट मैदान का हॉकर्स जोन पूरी तरह शुरू नहीं हो सका। नवलखा बस स्टैंड पर पुराने बने शेड को हॉकर्स जोन बना रखा है। कई जगह खुले मैदानों को हॉकर्स जोन घोषित किया जा रहा है। नतीजा यह निकला कि सड़कों पर रेहड़ी-ठेले वालों का कब्जा है।
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एसोसिएशन हर मोर्चे पर साथ

शहर के ट्रैफिक को सुधारने के लिए बार एसोसिएशन हर मोर्चे पर साथ है। शहर जब स्वच्छता में नंबर वन आ सकता है तो ट्रैफिक में भी अव्वल हो सकता है। लोगों में भी जागरुकता लानी होगी। इसी के साथ बढ़ती आबादी के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर भी होना चाहिए।
रितेश इनानी, अध्यक्ष, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन

ट्रैफिक महत्वपूर्ण मुद्दा, कोर्ट की लेंगे शरण

स्मार्ट सिटी के सड़क प्रोजेक्ट को लेकर हमने पिटीशन लगाई थी। नगर निगम कोर्ट के सामने रिपोर्ट तक पेश नहीं कर पाया। नए रोड का काॅन्ट्रेक्ट तभी होना चाहिए, जब पुराने पूर्ण हो जाएं। नए कंस्ट्रक्शन में पार्किंग प्रावधान का सख्ती से पालन होना चाहिए। नक्शा तभी पास हो, जब पार्किंग की जगह छोड़ी जाए। इस बिंदु समेत अन्य मामलों में कोर्ट की शरण लेंगे।
अभिनव पी. धनोदकर, पूर्व उप महाधिवक्ता

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