रतलाम मंडल द्वारा महू-ओंमकारेश्वर रेलखण्ड को ब्राडगेज लाइन में बदलने के लिए 31 जनवरी को इस ट्रेक को बंद कर दिया गया था। इसके साथ इस सेक्शन के पातालपानी, कालाकुंड, चोरल, बलवाड़ा, बड़वाह और ओंमकारेश्वर रोड स्टेशन में भी ताला लगा दिया गया। यहां विद्युत लाइन भी बंद कर दी। यहीं आरपीएफ की मुश्किले बढ़ गई। दरअसल महू आरपीएफ में वर्षो से 35 का स्टॉफ स्वीकृति है। जबकि इन वर्षो में यहां कई लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। मौजूदा दौर में महू आरपीएफ 36 का स्टॉफ है। वहीं बड़वाह चौकी पर 5-6 पुलिस कर्मी है। कम स्टॉफ होना और इधर इन 6 स्टेशन बंद होने से आरपीएफ को महू स्टेशन की सुरक्षा के लिए इन स्टेशनों में भी गश्ती दल भेजना पड़ रहा है।
हर रात 59 किमी का सफर जानकारी के अनुसार आरपीएफ महू द्वारा महू से लेकर ओंमकारेश्वर रोड स्टेशन तक का न्यायिक क्षेत्र है। हर रात आरपीएफ के जवान पातालपानी, कालाकुंड, चोरल से लेकर ओंमकारेश्वर रोड स्टेशन 59 किमी तक गश्ती करते है। ताकि इन बंद हो चुके स्टेशनों की सुरक्षा हो सके। कई बार बड़वाह आरपीएफ चौकी के जवान आस-पास के स्टेशनों की गश्ती करते है। बता दे कि इन स्टेशनों पर खुले में ट्रेन, सिग्नल के सामान, टेलीकॉम, पटरी आदि सभी पड़ा है। किसी भी दिन यहां बड़ी वारदात हो सकती है। यहां तक कालाकुंड स्टेशन रेलवे द्वारा बनाया रेल रेस्टोरेंट भी है। इसमें टीवी से लेकर कई महंगे साजो-सामान है। जो रेल अफसरों के काम आते थे।
इनका कहना है
बंद हो चुके इन 6 रेलवे स्टेशनों पर रेल संपत्ति खुले है। जिसकी हिफाजत के लिए हर रात जवान गश्ती पर जा रहे है। ताकि वादरात न हो। -देवेश गोहलानी, टीआइ, आरपीएफ, महू
बंद हो चुके इन 6 रेलवे स्टेशनों पर रेल संपत्ति खुले है। जिसकी हिफाजत के लिए हर रात जवान गश्ती पर जा रहे है। ताकि वादरात न हो। -देवेश गोहलानी, टीआइ, आरपीएफ, महू