मालूम हो, ओबीसी आरक्षण के पेंच के चलते प्रदेश में तीन साल से कोई नियुक्ति नहीं हो सकी है। ओबीसी आरक्षण (obc reservation) को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी किए जाने को कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस बीच भर्ती प्रक्रिया अटकने के कारण सरकार को भी अभ्यर्थियों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। लंबी खींचतान के बाद सरकार ने 14 फीसदी आरक्षण को ही आधार बनाते हुए 87 फीसदी और 13 फीसदी के अलग-अलग रिजल्ट जारी करने के लिए कहा है। इस 13 फीसदी पर भर्ती हाई कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद ही होगी, जिसमें तय होगा कि ये पद ओबीसी वर्ग को दिए जाएंगे या फिर अनारक्षित रहेंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग से मिले दिशा-निर्देश के अनुसार अभी ओबीसी कोटा 14 फीसदी रखते हुए और बाकी का प्रावधिक रिजल्ट घोषित करना है। सबसे पहले 2019 की प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट दोबारा से तैयार कराया जा रहा है। पीएससी से मिली जानकारी के अनुसार अगले सप्ताह तक नए फॉर्मूले के आधार पर रिजल्ट तैयार हो जाएगा।
हालांकि, अधिकारी अभी यह जानकारी नहीं दे पा रहे कि दोबारा होने वाली मुख्य परीक्षा में सभी उम्मीदवारों को दोबारा से शामिल होना होगा या नहीं? जानकारी के अनुसार 2019 के तुरंत बाद राज्य सेवा परीक्षा 2020 और 2021 की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
इधर, परीक्षाओं के नतीजे तैयार करने की कवायद के बीच पीएससी ने आगामी वर्ष का एकेडमिक कैलेंडर बनाना शुरू कर दिया है। 2023 की राज्य सेवा परीक्षा समय पर कराने के लिए विभागों से भी संपर्क करते हुए मांगपत्र बुलवाए जा रहे है। 2023 की परीक्षा की घोषणा दिसंबर माह में की जाएगी।