इंदौर

‘पांच रुपैया 12 आना’ गाने से है किशौर कुमार के जीवन का खास कनेक्शन, लाखों कमाते हुए भी नहीं चुका सके कैंटीन वाले का उधार

किशोर कुमार इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएट हुए थे। कहा जाता है कि ‘पांच रुपैया 12 आना’ गाना उन्होंने अपने कॉलेज के कैंटीन में ही बनाया था।

इंदौरAug 04, 2022 / 05:07 pm

Faiz

‘पांच रुपैया 12 आना’ गाने से है किशौर कुमार के जीवन का खास कनेक्शन, लाखों कमाते हुए भी नहीं चुका सके कैंटीन वाले का उधार

इंदौर. फिल्म जगत की जानी मानी हस्ती, मशहूर गायक और एक्टर ही नहीं बल्कि एक ऐसी शख्सियत जो स्पॉट ब्वाय से लेकर प्रोड्यूसर तक रहे। उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट का किरदार भी निभाया, कॉमेडियन का भी, साइड रोल में भी रहे हीरो और विलेन भी बने। हम बात कर रहे हैं ‘दि ग्रेट किशार दा’ की। आज यानी 4 अगस्त को किशोर कुमार की जयंती के मौके पर सीबे के खंडवा यानी उनके पेतृक जिले में गौरव दिवस मनाया जा रहा है।

किशोर कुमार का जन्म मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में 4 अगस्त 1929 को हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा खंडवा में ली है, जबकि कॉलेज की पढ़ाई इंदौर से पूरी की। किशोर कुमार का पैतृक निवास आज भी खंडवा में मौजूद हैं, उनकी याद में प्रशंसकों ने किशोर कुमार की समाधि बनाई है। बता दें कि, किशोर कुमार को दूध जलेबी काना बेहद पसंद था। ऐसे में अब उनके प्रशंसक उनकी समादि स्थल पर उनकी पसंदीदा दूध जलेबी का प्रसाद चढ़ाने आते हैं। इस साल भी यहां कई प्रशंसक उनके समाधि स्थल पर दूध जलेबी का भोग चढ़ा रहे हैं।

 

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‘चलती का नाम गाड़ी’ के सुपरहिट सांग से है उनके जीवन का खास कनेक्शन

किशोर कुमार इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएट हुए थे। वे कॉलेज में लगे इमली के पेड़ के नीचे बैठकर रियाज करते थे। उन्हें कॉलेज कैंटीन का पोहा जलेबी भी बहुत पसंद था। किशोर कुमार के कैंटीन के दिनों से जुड़ा एक किस्सा आज भी यहां काफी चर्चा का विषय रहता है। कहा जाता है कि ‘पांच रुपैया 12 आना’ गाना उन्होंने कैंटीन में ही बनाया था। दरअसल, पोहा जलेबी खाने के शौकीन किशोर कुमार पर कैंटीन वाले काका का 5 रुपए 12 आने का उधार थे, वे जब भी किशोर कुमार से पैसे मांगते तो किशोर दा गाने के अंदाज में उन्हें जवाब देते थे। बाद में उन्होंने इस गाने को एक फिल्म में भी लिया। कहते हैं किशोर कुमार अपना एक पैसा नहीं छोड़ते थे, लेकिन लाखों रुपये कमाने के बाद भी उन्होंने कैंटीन वाले काका के पैसे नहीं चुकाए।


गर्ल्स हॉस्टल पर भी एक गाना बनाया, जिसे बाद में सुपरहिट फिल्म में लिया गया

किशोर कुमार कॉलेज के हॉस्टल में रहते थे, वे अक्सर गर्ल्स हॉस्टल की खिड़की की तरफ देखकर फिल्म पड़ोसन का गाना ‘मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद सा टुकड़ा…’ गुनगुनाया करते थे। बाद में इसी गाने को भी उन्होंने अपनी फिल्म ‘पड़ोसन’ में लिया था, जो इतना फैमस हुआ कि वर्षों बाद आज भी इस गाने को लोगों द्वारा गुनगुनाते हुए सुना जा सकता है।


अपनी जन्मबूमि से था खास लगाव

किशोर कुमार को वैसे तो मुंबई में जाकर रहने लगे थे। लेकिन, उन्हें अपनी जन्मभूमि यानी खंडवा से बहुत प्यार था। वो अपने जीवन के आखिरी दिनों में खंडवा में ही बसना चाहते थे, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उनकी ये चाहत पूरी नहीं हो सकी। उनकी मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार उनके गांव में ही किया गया था। उनकी याद में समाधि बनाई गई है, जहां आज भी उनके प्रशंसक पहुंचते हैं। किशोर कुमार को आज भी उनके शहर के लोग खंडवा का गौरव कहते हैं। उनकी जयंती के मौके पर जिला प्रशासन ने 4 अगस्त को गौरव दिवस के रूप में मनाता है।

 

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