मेट्रो के साथ महानगर विकास के विजन को गति देने और सिंहस्थ में वाहनों की भीड़ कम करने के लिए उज्जैन तक मेट्रो चलाने की योजना पर काम शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने की है। एमपीएमआरसीएल के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) डीपीआर तैयार कर रही है। काॅर्पोरेशन ने तीनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी और ट्रैफिक को देखते हुए मेट्रो चलाने की संभावना को उपयुक्त बताते हुए रीजनल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम की भी सिफारिश की है। यह हाई स्पीड लोक परिवहन वर्तमान में दिल्ली मेट्रो के बीच शुरू किया है। प्रस्तावित रूट पर नगरीय विकास व आवास विभाग के आयुक्त व काॅर्पोरेशन एमडी के समक्ष दिल्ली मेट्रो की टीम ने प्रस्तुतिकरण भी दिया है। टीम ने अध्ययन करने के बाद रूट तय किया है। इसे वाया महू होते हुए फिजिबल बताया है। टीम ने विभाग से सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी मांगी है। अधिकारियों ने उज्जैन, महू व पीथमपुर तक रूट का दौरा भी किया है।
इस तरह तैयार किया रूट
डीएमआरसी द्वारा तय रूट में मेट्रो उज्जैन में हरिफाटक से महाकाल मंदिर तक अंडर ग्रांउड रहेगी। इसके बाद एलिवेटेड होकर उज्जैन रोड पकड़ेगी। पहला स्टेशन निनोरा होगा। इसके बाद सांवेर, धरमपुरी होते हुए इंदौर के लवकुश चौराहा पहुंचेगी। यहां से विजय नगर होते हुए बीआरटीएस पर प्रस्तावित थ्री लेयर ब्रिज से राजीव गांधी चौराहा, राजेंद्र नगर, राऊ होते हुए महू और वहां से पीथमपुर की ओर जाएगी।
डीएमआरसी द्वारा तय रूट में मेट्रो उज्जैन में हरिफाटक से महाकाल मंदिर तक अंडर ग्रांउड रहेगी। इसके बाद एलिवेटेड होकर उज्जैन रोड पकड़ेगी। पहला स्टेशन निनोरा होगा। इसके बाद सांवेर, धरमपुरी होते हुए इंदौर के लवकुश चौराहा पहुंचेगी। यहां से विजय नगर होते हुए बीआरटीएस पर प्रस्तावित थ्री लेयर ब्रिज से राजीव गांधी चौराहा, राजेंद्र नगर, राऊ होते हुए महू और वहां से पीथमपुर की ओर जाएगी।
इसलिए आरआरटीएस उपयुक्त
इस रूट पर स्टेशन कम होंगे, इसलिए तेज गति लोक परिवहन आरआरटीएस भी इस पर चलाया जा सकता है। इससे इंदौर और उज्जैन के बीच की दूरी 55 से 60 मिनट में पूरी हो सकेगी। इंदौर-महू-पीथमपुर भी 40 से 45 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। वर्तमान में इंदौर से दोनों ओर पहुंचने में क्रमश: 2 व डेढ़ घंटा लगता है।
इस रूट पर स्टेशन कम होंगे, इसलिए तेज गति लोक परिवहन आरआरटीएस भी इस पर चलाया जा सकता है। इससे इंदौर और उज्जैन के बीच की दूरी 55 से 60 मिनट में पूरी हो सकेगी। इंदौर-महू-पीथमपुर भी 40 से 45 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। वर्तमान में इंदौर से दोनों ओर पहुंचने में क्रमश: 2 व डेढ़ घंटा लगता है।
इंदौर-उज्जैन के बीच फिजिबिलिटी सर्वे शुरू
सिंहस्थ से पहले उज्जैन-इंदौर को मेट्रो प्रोजेक्ट से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है। मेट्रो ट्रेन के लिए डीएमआरसी की टीम ने फिजिबिलिटी सर्वे शुरू कर दिया है। इसमें उज्जैन-इंदौर के बीच रेलवे ट्रैफिक, आरआरटीएस में ट्रैफिक डायवर्शन, कहां और कितने स्टेशन, कनेक्टिविटी जैसे मामलों का सर्वे किया जा रहा है। प्रारंभिक सर्वे में मेट्रो ट्रेन के डिपो के लिए शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पास खाली सरकारी जमीन को बेहतर बताया है। हालांकि सर्वे पूर्ण होने के उपरांत ही मेट्रो ट्रेन की लागत और रूट का निर्धारण होगा। एमपी मेट्रो के एडिशनल डायरेक्टर शोभित टंडन के अनुसार, फिजिबलिटी सर्वे चल रहा है। डीएमआरसी की सर्वे रिपोर्ट के बाद ही बाकी मुद्दे स्पष्ट होंगे।
सिंहस्थ से पहले उज्जैन-इंदौर को मेट्रो प्रोजेक्ट से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है। मेट्रो ट्रेन के लिए डीएमआरसी की टीम ने फिजिबिलिटी सर्वे शुरू कर दिया है। इसमें उज्जैन-इंदौर के बीच रेलवे ट्रैफिक, आरआरटीएस में ट्रैफिक डायवर्शन, कहां और कितने स्टेशन, कनेक्टिविटी जैसे मामलों का सर्वे किया जा रहा है। प्रारंभिक सर्वे में मेट्रो ट्रेन के डिपो के लिए शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पास खाली सरकारी जमीन को बेहतर बताया है। हालांकि सर्वे पूर्ण होने के उपरांत ही मेट्रो ट्रेन की लागत और रूट का निर्धारण होगा। एमपी मेट्रो के एडिशनल डायरेक्टर शोभित टंडन के अनुसार, फिजिबलिटी सर्वे चल रहा है। डीएमआरसी की सर्वे रिपोर्ट के बाद ही बाकी मुद्दे स्पष्ट होंगे।