इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपी एससी) और इंदौर के राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआरकैट) के बीच महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हुआ है। इसके तहत दोनों संस्थान एक ऐसी उन्नत तकनीक विकसित करने पर काम करेंगे, जो अंतरिक्ष और चंद्रमा पर 30 हजार किलो तक वजन पहुंचाने में सक्षम होगी। इसरो द्वारा विकसित किए जा रहे नए जनरेशन लॉन्च व्हीकल ‘सूर्या’ के इंजन की तकनीक दो वर्ष में तैयार की जानी है।
हार्डवेयर स्टार्टअप को देंगे बढ़ावा
नीति आयोग के मिशन डायरेक्टर डॉ. चिंतन पाल ने बताया, देश में लगभग 1.40 लाख स्टार्टअप्स हैं, एक फीसदी हार्डवेयर स्टार्टअप्स हैं। हर 10 हजार लोगों में एक स्टार्टअप है, जबकि स्टार्टअप नेशन में यह आंकड़ा हर दो हजार लोगों में एक स्टार्टअप का है। आयोग की योजना है कि 10 वर्षों में देश में हार्डवेयर स्टार्टअप्स संख्या को 20 फीसदी तक बढ़ाया जाए।लॉन्च किया डीईडी मेटल 3डी प्रिंटर
raja ramanna centre for advanced technology (rrcat) कैट डायरेक्टर यूडी माल्शे ने बताया, एक साल में एआइसी-पाय-हब ने पांच टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, 9 इंक्यूबेशन एग्रीमेंट और तीन प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं। इस दौरान दो टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी की गई। अग्निरक्षक, लैब टू मार्केट इनोवेशन प्रालि बेंगलूरु और सिंगल स्टेज 30-के क्रायकूलर, आरजे इंस्ट्रूमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड मुंबई को दी गई है। आयोजन में दो-दो किलोवॉट एमएम डीईडी मेटल 3डी प्रिंटर भोपाल की कंपनी वी-फ्यूज मेटल्स ने लॉन्च किया। कैट द्वारा बनाए पोर्टेबल 3-डी प्रिंटर को भी लॉन्च किया।