Food Lovers : खान-पान के शौकीनों का है ये शहर, तभी तो यहां फूड बिजनेस ही होता है 1500 करोड़ के पार
Indore Food Lovers : इंदौर को खाने के शौकीनों के शहर के नाम से पहचाना जाने लगा है। मौजूदा समय में यहां 7 पांच सितारा होटल हैं, 4 चार सितारा होटल हैं, 300 होटल, 2000 रेस्त्रां और 25 से अदिक चौपाटियां हैं। इन सबसे सालाना 1500 करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता है।
Indore Food Lovers : भारत के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा प्राप्त मध्य प्रदेश के आर्थिक शहर इंदौर को दुनियाभर में खान-पान के शौकीनो का शहर माना जाता है। देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक से यहां लोग इंदौरी व्यंजनों का स्वाद लेने पहुंचते हैं। यही कारण है कि फूड बिजनेस ने इस शहर की बड़ी अर्थव्यवस्था को बल दे रखा है। देश दुनिया के फूड लवर्स के इसी शौक न शहर में चाट-चौपटियों की संख्या भी बढ़वा दी है। कभी सराफा और 56 दुकान पर जुटने वाले स्वाद के शौकीनों के लिए अब अलग-अलग इलाकों में 2 हजार से ज्यादा रेस्टोरेंट खुले हुए हैं।
पिछले दिनों इंदौर आए सेलिब्रिटी विशव प्रसिद्ध शेफ हरपाल सिंह सोखी ने कहा था कि शहर की अर्थव्यवस्था को यहां का खानपान बहुत मजबूत बनाने का काम कर रहा है। जिस तेजी से शहर में खानपान के नए नए ठिकाने फैल रहे हैं वो इस बात का प्रमाण है कि यहां के स्वाद का कारोबार कितना बढ़ रहा है। यही कारण है कि उन्होंने खुद भी अपना रेस्टोरेंट इंदौर में शुरू किया है। वाकई में यह एक ऐसा शहर है, जहां इंदौरी स्वाद पर प्रतिवर्ष 1500 करोड़ रुपये खानपान के शौकीन खुशी-खुशी न्यौछावर कर देते हैं।
इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर तो बाद में हुआ। यहां के व्यंजनों के जरिए इसे देशभर में खास पहचान काफी पुरानी मिली हुई है। सराफा चाट चौपाटी, चाट गली और 56 दुकानें लंबे समय से अपनी खास पहचान बनाए हुए हैं। वैसे अब तो शहर के अलग-अलग इलाकों में करीब 25 चाट-चौपाटियां बन चुकी हैं। अन्नपूर्णा रोड, मेघदूत गार्डन, स्कीम 78, लिंबोदी, स्कीम 140, महालक्ष्मी नगर, एयरपोर्ट रोड, कनाड़िया रोड समेत कई इलाकों में चौपाटियां खुल चुकी हैं, जहां हर रोज हजारों की संख्या स्वाद के दीवाने पहुंचते हैं।
कोरोना काल के बाद आया बूम
खासतौर पर कोरोना काल के बाद शहर की फूड बिजनस में बूम देखने को मिला है। बीते तीन सालों के दौरान यहां न सिर्फ होटल और रेस्टोरेंटों की संख्या तेजी से बढ़ी है, बल्कि कई नई चौपाटियां भी तैयार हुई हैं। यही नहीं, खानपान के पुराने बाजार में भी दुकानें बढ़ी हैं। 56 दुकान एसोसिएशन की अध्यक्ष गुंजन शर्मा का कहना है कि पहले 56 दुकान बाजार में खाने के अलावा खिलौने, कपड़े, पान की भी दुकानें हुआ करती थीं। लेकिन, मौजूदा समय में कान पान की बढ़ती डिमांड के चलते अन्य दुकानें खत्म हो गईं और अब ये बाजार पूरी तरह से खान-पान के लिए ही पहचाना जाने लगा है।
शर्मा के अनुसार, हर तरह के व्यंजन अब इस मार्केट में लोगों को खाने को मिल रहे हैं। अब चाय सुट्टा बार, सिगड़ी डोसा जैसे बड़े ब्रांड भी 56 दुकान में आ रहे हैं। मौजूदा समय में पारंपरिक 56 दुकानों के अलावा करीब 55 आउटलेट यहां रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अलग तरह की दुकानें होने से टर्नओवर का आंकड़ा बताना तो संभव नहीं, पर बीते तीन साल में ही इस बाजार का टर्नओवर लगभग दोगुना हो चुका है।
शहर में होटल और रेस्टोरेंट भी तेजी से बढ़े
इंदौर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी का कहना है कि शहर में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शहर के आसपास उज्जैन, महेश्वर, ओंकारेश्वर धार्मिक स्थानों के साथ कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं। ऐसे में सुगम रिहाइश और बढ़िया खानपान के चलते आसपास के पर्यटन या धार्मिक स्थलों पर आने वाले लोग भी इंदौर में रुकना ज्यादा पसंद करते हैं। सूरी के अनुसार, शहर में कोरोना के बाद से होटल और रेस्टोरेंट लगभग 15 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। खान-पान के कई बड़े ब्रांड भी अब इंदौर में आते जा रहे हैं। सूरी ने बताया कि शहर में करीब 300 होटल, 2000 छोटे-बड़े रेस्टोरेंट हैं। इन सभी होटल, रेस्टोरेंट और चौपाटियों पर खानपान से होने वाली आय की बात करें तो यह आंकड़ा सालाना 1500 करोड़ ज्यादा का टर्नओवर कर रहा है।
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