सुसाइड नोट में लिखा- सॉरी अब क्या ही बोल सकता हूं
इंदौर के स्कीम नंबर 78 में रहने वाले नर्मदा विकास प्राधिकरण के एडिशनल डायरेक्टर ब्रजेश कुमार के 19 वर्षीय बेटे सार्थक जे विजयवत ने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस को घटनास्थल से दो पेज का एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें सार्थक ने लिखा है कि सॉरी ! और अब क्या ही बोल सकता हूं। जिन उम्मीदों से JEE की तैयारी की थी, उनके टूटने के बाद ही सब कुछ बिगड़ता चला गया। सोचा था कैम्पस जाऊंगा, इन्जॉय करूंगा और कहां ये ऑनलाइन असाइन्मेंट में फंस गया। शायद टाला जा सकता था। कई लोगों के पास मौका था, लेकिन कुछ नहीं किया। अब हिम्मत नहीं बची प्रॉब्लम्स झेलने में और रीजन नहीं बचा आगे जीने में। फैमिली भी शानदार..पापा जिद्दी,मम्मी मजबूर..वात्यसल्या मासूम, संभालूं तो किस-किस को। इसके साथ ही सार्थक ने सुसाइड नोट में लिखा कि पापा आपको थोड़ा सा ज्यादा वक्त हम सब के साथ बिताना चाहिए था। जितनी बात अपने भाई-बहनों से करते, उससे आधी भी करते तो चल जाता। सुसाइड नोट में सार्थक ने अपने दोनों चाचा और कोचिंग के दोस्तों का जिक्र भी किया है। मां के लिए सार्थक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि मुझे पता है कि अब आप अकेली रह जाएंगी लेकिन और बर्दाश्त नहीं होता। सॉरी मम्मी आई क्विट।
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परिजन का रो-रोकर बुरा हाल
जब परिजन ने सार्थक के शव को फांसी के फंदे पर झूलते देखा तो उनके होश उड़ गए। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सार्थक के उठाए इस कदम से परिजन बुरी तरह टूट गए हैं और उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
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