एक समय था जब उज्जैन से चिंतामण गणेश स्टेशन, फतेहाबाद होते हुए इंदौर के लिए मीटरगेज लाइन पर आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों का संचालन होता था, लेकिन रतलाम-फतेहाबाद-इंदौर-महू-खंडवा ब्रॉडगेज लाइन प्रोजेक्ट के दौरान फतेहाबाद-उज्जैन रेल खंड को अलग कर दिया गया था। 2017 में रेल बजट में इस रेलखंड को ब्रॉडगेज करने के लिए पैसा जारी हुआ था। इसके बाद मंडल स्तर पर टेंडर जारी कर काम शुरू कर दिया गया था।
तीन पुलिया बनाई जाएंगी
फतेहाबाद से उज्जैन के बीच तीन पुलिया और कुछ कल्वर्ट के आधार तैयार हो चुके हैं। अर्थ वर्क का काम अंतिम चरण में है। संभवत अगस्त माह से पटरी बिछाने काम शुरू हो जाएगा।
तीन पुलिया बनाई जाएंगी
फतेहाबाद से उज्जैन के बीच तीन पुलिया और कुछ कल्वर्ट के आधार तैयार हो चुके हैं। अर्थ वर्क का काम अंतिम चरण में है। संभवत अगस्त माह से पटरी बिछाने काम शुरू हो जाएगा।
हाईटेक स्टेशन होगा चिंतामण गणेश
इस रेलखंड पर सबसे प्रमुख स्टेशन चिंतामण गणेश है। इस स्टेशन को ब्रॉडगेज के लिहाज से हाईटेक तरीके से तैयार किया जा रहा है। करीब 10 करोड़ रुपए की लगात से बन रहे स्टेशन का 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है। संभावना है कि दिसंबर माह में स्टेशन तैयार हो जाएगा।
इस रेलखंड पर सबसे प्रमुख स्टेशन चिंतामण गणेश है। इस स्टेशन को ब्रॉडगेज के लिहाज से हाईटेक तरीके से तैयार किया जा रहा है। करीब 10 करोड़ रुपए की लगात से बन रहे स्टेशन का 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है। संभावना है कि दिसंबर माह में स्टेशन तैयार हो जाएगा।
इंदौर-उज्जैन की घटेगी दूरी
वर्तमान में इंदौर से देवास होकर उज्जैन स्टेशन जाना पड़ता है। जिसमें 80 किमी का फासला है। इंदौर-फतेहाबाद होते हुए उज्जैन जाने पर यह दूरी 18 किमी कम होकर 62 किमी रह जाएगी। इसके साथ ही 18 गांवों के हजारों ग्रामीण दोबारा रेल लाइन से जुड़ जाएंगे।
वर्तमान में इंदौर से देवास होकर उज्जैन स्टेशन जाना पड़ता है। जिसमें 80 किमी का फासला है। इंदौर-फतेहाबाद होते हुए उज्जैन जाने पर यह दूरी 18 किमी कम होकर 62 किमी रह जाएगी। इसके साथ ही 18 गांवों के हजारों ग्रामीण दोबारा रेल लाइन से जुड़ जाएंगे।