कई पर्यटन स्थलों पर बुनीयादी ढांचे का अभाव
पर्यटकों का आरोप है कि पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ईको-टूरिज्म, तीर्थयात्रा और ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थलों की गुंजाइश होने के बावजूद पर्यटन स्थलों को लोकप्रिय बनाने में सफल नहीं हो पाए हैं। सौंदत्ति के पास यल्लम्मनगुड्डा में रेणुका यल्लम्मा मंदिर और जोगुलभवी सत्यम्मा मंदिर देखने के लिए भी कई पर्यटक आते हैं। हालांकि इन तीर्थस्थलों पर पर्यटकों की संख्या के अनुरूप बुनियादी ढांचा और सुविधाएं नहीं हैं।
पर्यटकों का आरोप है कि पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ईको-टूरिज्म, तीर्थयात्रा और ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थलों की गुंजाइश होने के बावजूद पर्यटन स्थलों को लोकप्रिय बनाने में सफल नहीं हो पाए हैं। सौंदत्ति के पास यल्लम्मनगुड्डा में रेणुका यल्लम्मा मंदिर और जोगुलभवी सत्यम्मा मंदिर देखने के लिए भी कई पर्यटक आते हैं। हालांकि इन तीर्थस्थलों पर पर्यटकों की संख्या के अनुरूप बुनियादी ढांचा और सुविधाएं नहीं हैं।
कई जलप्रपात करते हैं आकर्षित
रामदुर्ग तालुक में शबरी कोला एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। एक किंवदंती के अनुसार, भगवान राम ने यहां शबरी से मुलाकात की थी। इसे पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र के रूप में विकसित करने की जरूरत है। गोकाक जलप्रपात और गोडचनमल्की फॉल्स मानसून के दौरान पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हालांकि, गोडचनमल्की फॉल्स के लिए कोई उचित सड़क संपर्क नहीं है और पर्यटकों को वहां पहुंचने के लिए तीन किमी से अधिक की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
रामदुर्ग तालुक में शबरी कोला एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। एक किंवदंती के अनुसार, भगवान राम ने यहां शबरी से मुलाकात की थी। इसे पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र के रूप में विकसित करने की जरूरत है। गोकाक जलप्रपात और गोडचनमल्की फॉल्स मानसून के दौरान पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हालांकि, गोडचनमल्की फॉल्स के लिए कोई उचित सड़क संपर्क नहीं है और पर्यटकों को वहां पहुंचने के लिए तीन किमी से अधिक की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
स्मारकों को गोद लेने की योजना बनाएं
पर्यटकों का कहना है कि किले और रियासत से जुड़े अन्य स्थानों को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाना चाहिए। हिडकल बांध और गोकाक जलप्रपात के बैकवाटर में साहसिक पर्यटन के विकास के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिले में कई स्मारक हैं। स्मारकों को गोद लेने की योजना बनाई जा सकती है।
पर्यटकों का कहना है कि किले और रियासत से जुड़े अन्य स्थानों को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाना चाहिए। हिडकल बांध और गोकाक जलप्रपात के बैकवाटर में साहसिक पर्यटन के विकास के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिले में कई स्मारक हैं। स्मारकों को गोद लेने की योजना बनाई जा सकती है।
पर्यटन के क्षेत्र में उभर सकता हैं बेलगावी
राजस्थान नागरिक परिषद, उत्तर कर्नाटक के अध्यक्ष बाबूलाल राजपुरोहित कहते हैं, जिले में गोकाक जलप्रपात, कित्तूर किला, बेलगावी तालुक में राजहंसगढ़ और खानपुर तालुक में हलाशी में भुवराह नरसिंह मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। गोवा जाते समय रास्ते में भी कई जलप्रपात आते हैं। ऐसे में यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण हो सकता है। शिक्षा के लिए भी बेलगावी हब के रूप में उभर रहा है।
राजस्थान नागरिक परिषद, उत्तर कर्नाटक के अध्यक्ष बाबूलाल राजपुरोहित कहते हैं, जिले में गोकाक जलप्रपात, कित्तूर किला, बेलगावी तालुक में राजहंसगढ़ और खानपुर तालुक में हलाशी में भुवराह नरसिंह मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। गोवा जाते समय रास्ते में भी कई जलप्रपात आते हैं। ऐसे में यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण हो सकता है। शिक्षा के लिए भी बेलगावी हब के रूप में उभर रहा है।