सोशल मीडिया के जरिए प्रचार शुरू
शिग्गांव विधानसभा सीट को लेकर भाजपा और कांग्रेस में टिकट के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र से टिकट पाने के लिए उम्मीदवारों ने अपने नेताओं को लुभाना शुरू कर दिया है। दोनों राजनीतिक दलों के नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ विधानसभा क्षेत्र में घूम रहे हैं। वे खुद को उपचुनाव के लिए टिकट का दावेदार भी बता रहे हैं। कुछ दावेदारों ने सोशल मीडिया के जरिए प्रचार शुरू कर दिया है। सीट को बरकरार रखने के लिए भाजपा जहां योग्य उम्मीदवार की तलाश कर रही है, वहीं कांग्रेस भी जीताऊ उम्मीदवार के चयन में जुटी है।
शिग्गांव विधानसभा सीट को लेकर भाजपा और कांग्रेस में टिकट के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र से टिकट पाने के लिए उम्मीदवारों ने अपने नेताओं को लुभाना शुरू कर दिया है। दोनों राजनीतिक दलों के नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ विधानसभा क्षेत्र में घूम रहे हैं। वे खुद को उपचुनाव के लिए टिकट का दावेदार भी बता रहे हैं। कुछ दावेदारों ने सोशल मीडिया के जरिए प्रचार शुरू कर दिया है। सीट को बरकरार रखने के लिए भाजपा जहां योग्य उम्मीदवार की तलाश कर रही है, वहीं कांग्रेस भी जीताऊ उम्मीदवार के चयन में जुटी है।
बोम्मई का क्षेत्र में वर्चस्व
स्थानीय लोगों की मानें तो सांसद बसवराज बोम्मई सभी समुदायों के मतदाताओं को आकर्षित करने में सफल रहे। वे पार्टी के करिश्मे के बजाय व्यक्तिगत करिश्मे के कारण विधायक चुने गए। इसलिए इस बार शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा। कांग्रेस के लिए इस विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव जीतने का मौका है। हालांकि टिकट को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी कलह शुरू हो गई है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी और मतभेद भी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में जीत की राह में रोड़ा बन सकता हैं।
स्थानीय लोगों की मानें तो सांसद बसवराज बोम्मई सभी समुदायों के मतदाताओं को आकर्षित करने में सफल रहे। वे पार्टी के करिश्मे के बजाय व्यक्तिगत करिश्मे के कारण विधायक चुने गए। इसलिए इस बार शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा। कांग्रेस के लिए इस विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव जीतने का मौका है। हालांकि टिकट को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी कलह शुरू हो गई है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी और मतभेद भी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में जीत की राह में रोड़ा बन सकता हैं।
उम्मीदवार का फैसला हाईकमान करेगा
कांग्रेस में टिकट के दावेदारों की संख्या ज्यादा है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने टिकट के लिए पैरवी शुरू कर दी है। कुछ दावेदारों ने अपने समर्थकों के साथ बेंगलूरु जाकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उपचुनाव के लिए टिकट मांगा है। बताया जाता है कि वरिष्ठ नेताओं ने दावेदारों से कहा कि उपचुनाव के लिए उम्मीदवार का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे यासिरखान पठान को इस बार भी टिकट मिलने का भरोसा है। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संजीवकुमार निरालागी, आनंदस्वामी गदादेवरमठ और सैयद अजीमपीर खादरी भी टिकट के दावेदार हैं। वहीं धारवाड़ सीट से लोकसभा चुनाव हार चुके विनोद असूति भी टिकट पाने की दौड़ में हैं। इसके अलावा कर्नाटक सीमा क्षेत्र विकास के चेयरमैन सोमन्ना बेविनामारद और हुब्बल्ली के रजत उल्लागदीमठ भी पार्टी टिकट की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस में टिकट के दावेदारों की संख्या ज्यादा है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने टिकट के लिए पैरवी शुरू कर दी है। कुछ दावेदारों ने अपने समर्थकों के साथ बेंगलूरु जाकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उपचुनाव के लिए टिकट मांगा है। बताया जाता है कि वरिष्ठ नेताओं ने दावेदारों से कहा कि उपचुनाव के लिए उम्मीदवार का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे यासिरखान पठान को इस बार भी टिकट मिलने का भरोसा है। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संजीवकुमार निरालागी, आनंदस्वामी गदादेवरमठ और सैयद अजीमपीर खादरी भी टिकट के दावेदार हैं। वहीं धारवाड़ सीट से लोकसभा चुनाव हार चुके विनोद असूति भी टिकट पाने की दौड़ में हैं। इसके अलावा कर्नाटक सीमा क्षेत्र विकास के चेयरमैन सोमन्ना बेविनामारद और हुब्बल्ली के रजत उल्लागदीमठ भी पार्टी टिकट की मांग कर रहे हैं।
भाजपा को बोम्मई के विकास कार्यों से आस
भाजपा में भी टिकट के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। भाजपा को अधिक वोट मिलने की उम्मीद है क्योंकि इस बार भाजपा और जद-एस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। कई नेता उपचुनाव लडऩा चाहते हैं। भाजपा के कुछ जिला नेताओं ने बताया कि भाजपा का मजबूत गढ़ माने जाने वाले शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र के लोग पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा किए गए विकास कार्यों से खुश हैं। भाजपा का एक वर्ग सीट बरकरार रखने के लिए बसवराज बोम्मई के बेटे भरत बोम्मई को टिकट दिए जाने की मांग कर रहा है। स्थानीय नेता श्रीकांत दुंडीगौड़ा और शशिधर यालिगर भाजपा टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
भाजपा में भी टिकट के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। भाजपा को अधिक वोट मिलने की उम्मीद है क्योंकि इस बार भाजपा और जद-एस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। कई नेता उपचुनाव लडऩा चाहते हैं। भाजपा के कुछ जिला नेताओं ने बताया कि भाजपा का मजबूत गढ़ माने जाने वाले शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र के लोग पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा किए गए विकास कार्यों से खुश हैं। भाजपा का एक वर्ग सीट बरकरार रखने के लिए बसवराज बोम्मई के बेटे भरत बोम्मई को टिकट दिए जाने की मांग कर रहा है। स्थानीय नेता श्रीकांत दुंडीगौड़ा और शशिधर यालिगर भाजपा टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
लगातार चार बार जीते बोम्मई
2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस के पठान यासिरहमेद खान को 35,978 मतों के अंतर से हराया था। 2018 में बोम्मई ने कांग्रेस के सैय्यद अजीमपीर खादरी को 9265 मतों से मात दी। 2013 में बोम्मई ने कांग्रेस के सैय्यद अजीमपीर खादरी को 9503 मतों और 2008 में बोम्मई ने कांग्रेस के सैय्यद अजीमपीर खादरी को 12862 मतों से शिकस्त दी।
2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस के पठान यासिरहमेद खान को 35,978 मतों के अंतर से हराया था। 2018 में बोम्मई ने कांग्रेस के सैय्यद अजीमपीर खादरी को 9265 मतों से मात दी। 2013 में बोम्मई ने कांग्रेस के सैय्यद अजीमपीर खादरी को 9503 मतों और 2008 में बोम्मई ने कांग्रेस के सैय्यद अजीमपीर खादरी को 12862 मतों से शिकस्त दी।
शिग्गांव विधानसभा से कब कौन जीता
२०२३- बसवराज बोम्मई- भाजपा
2018- बसवराज बोम्मई- भाजपा
2013- बसवराज बोम्मई- भाजपा
2008- बसवराज बोम्मई- भाजपा
2004- सिन्दूरा राजशेकर- निर्दलीय
1999- सैयद अजीमपीर खादरी- जेडी-एस
1994- मंजूनाथ कुन्नूर- कांग्रेस
1989- मंजूनाथ कुन्नूर – कांग्रेस
1985- नीलकंठगौडा वीरनगौडा पाटिल- निर्दलीय
1983- नदफ मोहम्मद कासिमसाब मरदनसाब -कांग्रेस
1978- नदफ मोहम्मद कासिमसाब मरदनसाब – कांग्रेस (इंदिरा)
२०२३- बसवराज बोम्मई- भाजपा
2018- बसवराज बोम्मई- भाजपा
2013- बसवराज बोम्मई- भाजपा
2008- बसवराज बोम्मई- भाजपा
2004- सिन्दूरा राजशेकर- निर्दलीय
1999- सैयद अजीमपीर खादरी- जेडी-एस
1994- मंजूनाथ कुन्नूर- कांग्रेस
1989- मंजूनाथ कुन्नूर – कांग्रेस
1985- नीलकंठगौडा वीरनगौडा पाटिल- निर्दलीय
1983- नदफ मोहम्मद कासिमसाब मरदनसाब -कांग्रेस
1978- नदफ मोहम्मद कासिमसाब मरदनसाब – कांग्रेस (इंदिरा)