दिन में 8 घंटे ड्यूटी करने के नियम हैं इसके बावजूद 4-5 घंटे अतिरिक्त ड्यूटी करनी होगी। थाने की क्राइम ब्रांच में जरूरत से ज्यादा कर्मचारी हैं। इन सबके बीच कर्मचारियों की कमी है।
उचित आराम नहीं मिल पा रहा एक पुलिस कर्मी ने कहा कि कानून का पालन करना, समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखना तथा कानून के प्रति जागरूकता पैदा करना हमारा प्राथमिक कर्तव्य है परन्तु स्टाफ की कमी के कारण हम पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। एक शिफ्ट पूरी करने के बाद दो शिफ्ट आराम के लिए आरक्षित होती हैं परन्तु स्टाफ की कमी के कारण तीसरे शिफ्ट में जाना अपरिहार्य है। परिवार के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं और हमें उचित आराम नहीं मिल पा रहा है।
ये है बीट की कहानी जुड़वां शहर के कुल 15 (सिविल) थानों में 146 स्मार्ट बीट्स हैं। प्रत्येक बीट में दो कर्मियों को नियुक्त कर, 192 कर्मियों को हर रात की पाली में रखा जाता है। उपनगर, गोकुल रोड, केश्वापुर, विद्यानगर, बेंडिगेरी, विद्यागिरी थानों में 15-15 बीट हैं।
तीन टीमों के तौर पर काम करना कठिन पुलिस कर्मियों का कहना है कि थाने में 80 (अनुमानित) कर्मियों की संख्या है, तो 30 कर्मी बीट ड्यूटी के लिए हैं। एक दिन में कम से कम पांच, छह लोग अवकाश में रहते हैं। पीआई, पीएसआई (4-5), राइटर (2), सेंट्री (3), कोर्ट, समन, जनरल (15) के रूप में कुल 60-65 कर्मी ड्यूटी पर रहते हैं। बाकी 15-20 कर्मी अपराध शाखा में रहते हैं। आवश्यकता से अधिक और स्थायी रूप से वे एक ही विभाग में काम कर रहे हैं इसके चलते तीन टीमों के तौर पर काम करना कठिन हो रहा है। अगर हर कोई सभी काम करने में सक्षम है या यदि स्टाफ केवल आवश्यकतानुसार अपराध विभाग में है, तो बाकी स्टाफ अतिरिक्त बोझ से बच सकते हैं।
पुलिस मैनुअल में ये?
पुलिस मैनुअल के नियम के मुताबिक एक दिन को तीन कार्य के क्रमों में बांटा गया है। पहले क्रम में छह घंटे (सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक), दूसरे क्रम में आठ घंटे (दोपहर 1 बजे से रात 9 बजे तक) और तीसरी क्रम में 10 घंटे (रात 9 बजे से सुबह 7 बजे)। चार दिनों के इस तीन क्रम को कर्मचारी को चार शिफ्ट में करना चाहिए। सुबह के क्रम में काम करने वाले कर्मचारी को तुरंत 32 घंटे का आराम दिया जाएगा। यह उपलब्ध नहीं होने पर वे उसी सप्ताह 24 घंटे के आराम के हकदार हैं। नाइट शिफ्ट खत्म होने के बाद 36 घंटे का आराम अनिवार्य है। साप्ताहिक अवकाश अनिवार्य तौर पर देना चाहिए।
पुलिस मैनुअल के नियम के मुताबिक एक दिन को तीन कार्य के क्रमों में बांटा गया है। पहले क्रम में छह घंटे (सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक), दूसरे क्रम में आठ घंटे (दोपहर 1 बजे से रात 9 बजे तक) और तीसरी क्रम में 10 घंटे (रात 9 बजे से सुबह 7 बजे)। चार दिनों के इस तीन क्रम को कर्मचारी को चार शिफ्ट में करना चाहिए। सुबह के क्रम में काम करने वाले कर्मचारी को तुरंत 32 घंटे का आराम दिया जाएगा। यह उपलब्ध नहीं होने पर वे उसी सप्ताह 24 घंटे के आराम के हकदार हैं। नाइट शिफ्ट खत्म होने के बाद 36 घंटे का आराम अनिवार्य है। साप्ताहिक अवकाश अनिवार्य तौर पर देना चाहिए।
अनुमति मिलते ही पदोन्नति से भरेंगे पद पुलिस आयुक्त रेणुका सुकुमार ने बताया कि पुलिस महानिदेशक ने कमिश्नरेट यूनिट में पीएसआई (वरिष्ठता के आधार पर एएसआई में पदोन्नति) के रिक्त पद को भरने के निर्देश जारी किए हैं और कुछ महानगरों में यह पद पहले ही भरे जा चुके हैं परन्तु हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर पुलिस कमिश्नरेट यूनिट में कुछ तकनीकी कारणों से प्रमोशन में देरी हुई है। नौ पीएसआई रिक्तियां हैं और सेवानिवृत्ति के कगार पर मौजूद एएसआई पीएसआई पदनाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मुख्यालय को पत्र लिखकर पदोन्नति की अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही एएसआई ग्रेड के कर्मियों को पीएसआई में पदोन्नति दी जाएगी। हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर में एबीसी मॉडल लागू है परन्तु दो टीमों में ड्यूटी के पालन की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।