राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को हुआ था। उनके पिता का नाम रिफअत उल्लाह था। बचपन में राहत इंदौरी (Rahat Indori) का मूल नाम राहत कुरैशी (Rahat Qureshi) था लेकिन उन्हें अपने इंदौर शहर से इतना प्यार था कि उन्होंने इसे अपने नाम का हिस्सा बना लिया।
मामूली पेंटर से देश के सबसे मशहूर शायर कैसे बने राहत इंदौरी? जानें 10 दिलचस्प बातें
राहत के इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत मुश्किलों का सामना किया है। बताया जाता है कि शुरुआत में राहत इंदौरी (Rahat Indori) ने खूब संघर्ष किया। वे सड़कों पर साइन बोर्ड़ पेंट (Sign board paint) किया करते थे। वे साइन बोर्ड पर ही कुछ-कुछ लिख कर यार-दोस्तों में सुनाते।
रानीपुरा (Ranipura) में राहत के पिता खोपरा पाक-नमकीन की दुकान चलाते थे। जब दुकान पर बापू नहीं रहते तो राहत ही दुकान चलाया करते थे। इसी शहर में मौजूद बज्म-ए-अदब लाइब्रेरी (Bism-e-Adab Library) में अक्सर मुशायरे की महफिल सजा करती, राहत भी यहां जाया करते थे। वे कोने में बैठ कर मुशायरा सुना करते थे। फिर एक दिन वहां मौजूद एक शायर की नजर उन पर पड़ गई और उसने उन्हें मंच पर बुला लिया और कहा कि आज तुम्हें मुशायरा पढऩा है, बस यहीं से शुरू हुआ था उनका मुशायरा सफर।
महिला ने Highway के लिए नहीं दिया रास्ता, अब गाड़ियों के बीच बिताना पड़ रहा है जीवन !
राहत इंदौरी (Rahat Indori) पिछले 45 सालों से मुशायरे और कवि सम्मेलनों की जान बने हुए थे। उनकी लोकप्रियता दुनिया के तमाम देशों में थी और वे कई देशों में कवि सम्मेलनों के लिए जाते थे। शायरी के अलावा राहत इंदौरी (Rahat Indori) बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी संगीत दिया था।