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कभी करते थे दूसरों को सप्लाई
मदुरै के रहने वाले फैजल के दादा और पिता भी व्यवसाय करते थे। जब फैजल बी. कॉम में पढ़ रहे थे तो उन्होंने पुरुषों के आउटफिट्स बनाने का बिजनेस शुरू किया। 2006 में 5 लाख रुपए जुटाकर सात सिलाई मशीनें लगाई और प्रतिदिन 100 शर्ट बनाने का काम शुरू किया। शुरुआत में सीधे ही व्यापारियों को माल सप्लाई करते थे। धीरे-धीरे डीलरशिप में इजाफा होता गया। 20-30 प्रतिशत की ग्रोथ रेट से आगे बढ़ रहे थे। तभी 2011 में अपने शोरूम खोलने का निर्णय लिया और मदुरै, सलेम, त्रिची व डिंडीगुल में सक्सस के स्टोर्स खोले।
मदुरै के रहने वाले फैजल के दादा और पिता भी व्यवसाय करते थे। जब फैजल बी. कॉम में पढ़ रहे थे तो उन्होंने पुरुषों के आउटफिट्स बनाने का बिजनेस शुरू किया। 2006 में 5 लाख रुपए जुटाकर सात सिलाई मशीनें लगाई और प्रतिदिन 100 शर्ट बनाने का काम शुरू किया। शुरुआत में सीधे ही व्यापारियों को माल सप्लाई करते थे। धीरे-धीरे डीलरशिप में इजाफा होता गया। 20-30 प्रतिशत की ग्रोथ रेट से आगे बढ़ रहे थे। तभी 2011 में अपने शोरूम खोलने का निर्णय लिया और मदुरै, सलेम, त्रिची व डिंडीगुल में सक्सस के स्टोर्स खोले।
दूसरों से सस्ता बेच कर कमाया मुनाफा
इसके पीछे उद्देश्य था कि दूसरे रिटेल स्टोर्स उनकी जिस शर्ट को 150 रुपए में बेचते थे, उसे वे 100 रुपए में बेचेंगे। बिना स्ट्रैटेजी का यह बिजनेस मॉडल फ्लॉप हो गया। उन्हें एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो गया। 2013 में उन्होंने इरोड में प्राइम लोकेशन के स्टोर को बंद करने का फैसला किया और मदुरै के स्टोर को चालू रखा। फिर उन्होंने नए सिरे से प्लानिंग की।
इसके पीछे उद्देश्य था कि दूसरे रिटेल स्टोर्स उनकी जिस शर्ट को 150 रुपए में बेचते थे, उसे वे 100 रुपए में बेचेंगे। बिना स्ट्रैटेजी का यह बिजनेस मॉडल फ्लॉप हो गया। उन्हें एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो गया। 2013 में उन्होंने इरोड में प्राइम लोकेशन के स्टोर को बंद करने का फैसला किया और मदुरै के स्टोर को चालू रखा। फिर उन्होंने नए सिरे से प्लानिंग की।
उनके दिमाग में एक हजार रुपए में सात शर्ट्स बेचने का आइडिया आया। उन्होंने स्टोर मैनेजर के जरिए 3 हजार रजिस्टर कस्टमर्स को वॉट्सऐप के जरिए सूचना दी। यह आइडिया काम कर गया और अगले दिन से लाखों की सेल शुरू हो गई। इस तरह उन्होंने नए मॉडल के अनुसार काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने प्रोडक्शन की कॉस्ट व अपना मार्जिन घटाकर धीरे-धीरे कस्टमर्स का भरोसा जीत लिया। आज उनका तकरीबन 50 करोड़ का रेवेन्यू है।