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मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बना लॉकडाउन का विस्तार, दो वक़्त की रोजी-रोटी का जुगाड़ करना होगा मुश्किल

कोरोना वायरस ( Coronavirus ) से बचाव के लिए देश में हुए लॉकडाउन के विस्तार की सबसे ज्यादा मार दिहाड़ी मजदूरी करने वालों पर पड़ना तय है।

Apr 14, 2020 / 11:38 am

Piyush Jayjan

Lockdown

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) ने भारत में 3 मई तक लॉकडाउन का विस्तार करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल को सरकार लॉकडाउन को लेकर नई गाइडलाइन जारी करेगी, ताकि सारी स्थिति को सही से समझाया जा सकें।

पीएम ने कहा कि इस बार लॉकडाउन ( Lockdwon ) का पालन और कठोर तरीके से किया जाएगा। जिन इलाकों में कोरोना संक्रमण के केस नहीं मिलेंगे वहां 20 अप्रैल से कुछ शर्तों के साथ छूट दी जाएगी। हालांकि, पीएम ने कहा कि अगर कोई केस मिला तो फिर से उस इलाके में पूर्ण रूप से लॉकडाउन कर दिया जाएगा।

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देशभर में लॉकडाउन का असर सभी लोगों पर तो हुआ ही है लेकिन मेहनतकश लोगों के लिए ये दौर परेशानी का सबसे बड़ा सबब बन चुका है। कोरोना वायरस ( coronavirus ) से बचाव के लिए देश में हुए लॉकडाउन होने के चलते दिहाड़ी मजदूरी करने वालों पर आफत टूट पड़ी है।

अब लॉकडाउन के विस्तार से उनकी दिक्कतों में और इजाफा होना तय है। फैक्ट्रियां और बाजार बंद होने के चलते उन्हें मजदूरी नहीं मिल रही औऱ न ही वे अपने काम पर लौट पा रहे हैं। हर रोज कमाने वाले मजदूरों ( Laborers ) के पास राशन खत्म हो रहा है।

पिछले दिनों कई मजदूरों की भूखे प्यासे रहने से मौत हो गई थी। अब का विस्तार होने की वजह से देशभर के मजदूरों के सामने दो वक़्त की रोटी खाने का बंदोबस्त करना और मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल ज्यादातर मजदूरों के पास अपने घर को चलाने का कोई साधन नहीं बचा है।

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लॉकडाउन के पहले फेज में सरकार की तरफ से मजदूरों के लिए किए गए तमाम इंतेजाम नाकाफी साबित हुए थे। ऐसे में लॉकडाउन का विस्तार मेहनतकश मजदूरों के लिए अस्तित्व पर ऐसा संकट बना हुआ है जिसमें कई लोग का भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है।

 

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